किसी भी चीज को ठीक ढंग से परखने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण का होना काफी जरूरी है। लेकिन इस दुनिया में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिनके आगे विज्ञान का भी कोई जादू नहीं चल पता है। क्योंकि व्यक्ति की सोच और समझ से दूर होती हैं ये सभी चीजें। अपने अक्सर देखा होगा कि जिस जगह हनुमान या फिर राम मंदिर होते हैं वहां बंदरों की टोली भी जरूर होती है। खैर ये तो आम बात है लेकिन राजस्थान के अजमेर में स्थित बजरंगगढ़ के हनुमान मंदिर में जाने पर कुछ ऐसा देखने को मिलेगा जिसे देखकर आप शायद कभी हैरान नहीं कर पाएंगे।
इस मंदिर में 8 सालों से रामू रह रहा है
इस प्राचीन मंदिर और यहां का बेहद खूबसूरत नजारा अपने आप में अलग है। लेकिन इस प्राचीन मंदिर को जो मुख्य आकर्षण है वह कोई और नहीं बल्कि रामू नाम का एक बंदर है। पिछले 8 सालों से रामू इस मंदिर में रहकर यहां की सेवा कर रहा है। भले ही ये बात सुनने में थोड़ी अजीब जरूर लगे लेकिन यह बात एकदम सच है।
बता दें कि रामू यही खाता-पीता और सोता है। रामू आरती के वक्त मंदिर में रखे घंटे और झालर को भी बजाता है और तो और जब भजन होता है तो रामू नाचता है। जब मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है तो रामू शांति से बैठ जाता है और ध्यान से हनुमान जी की चालीसा को सुनता है।
इतना ही नहीं रामू अपने माथे पर टीका भी लगवता है। इस मंदिर में आने वाले भक्त रामू के पैर धोते हैं और वह उन्हें बदले में आर्शीवाद भी देता है। रामू का मंदिर के चौकीदार औंकार सिंह के साथ बेहद करीबी रिश्ता है।
औंकार सिंह ने बताया कि आज से तकरीबन 8 साल पहले रामू किसी मदारी के यहां से छूटकर यहां पर आ गया था। जब वो भटककर मंदिर आया तो उस समय रामू की तबायित ठीक नहीं थी। उस समय औंकार सिंह ने ही उसकी देखभाल की बस फिर इसके बाद क्या था दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई।
इस मंदिर के लिए बहुत शुभ है रामू
वहीं मंदिर के पुजारी का ऐसा कहना है कि रामू इस मंदिर के लिए काफी ज्यादा भाग्यशाली है क्योंकि रामू जब से यहां पर आया है तब से इस मंदिर में जो भी भक्त आता है उसको लाभ होता है।
इतना ही नहीं लोगों का तो ये भी मानना है कि रामू साक्षात बालाजी के रूप में इस मंदिर की देखभाल करता है। रामू को देखने के बाद लोग हैरान रह जाते हैं कि अजमेर में स्थित इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा का मुंह खुला हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि इससे भक्तों द्वारा अर्पित किया गया प्रसाद सीधे हनुमान जी के मुंह तक चला जाता है।
इस अनोखे मंदिर में काली माई नहीं रहती बिना AC गर्मी के, माता को भी आता है पसीना
from Punjab Kesari (पंजाब केसरी) http://bit.ly/2ZKkRva
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