दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार को बलवान खोखर की पैरोल याचिका पर निर्णय लेने के लिए कहा। खोखर 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के साथ उम्रकैद की सजा काट रहा है। न्यायमूर्ति ए. के. चावला ने दिल्ली सरकार को खोखर की याचिका पर लोकसभा चुनाव की समाप्ति के दो हफ्तों बाद सकारण आदेश (स्पीकिंग आर्डर) पारित कर निर्णय लेने के लिए कहा।
दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने पहले बताया था कि आचार संहिता लागू रहने के दौरान कैदियों को चुनाव अवधि में रिहा नहीं किया जा सकता और उन्होंने लोकसभा चुनाव की समाप्ति के बाद खोखर की याचिका पर विचार करने के लिए समय मांगा था। खोखर ने कहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के 17 दिसंबर 2018 के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए उन्हें पैरोल चाहिए। उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने दंगा मामले में संलिप्तता के लिए सज्जन कुमार, पूर्व पार्षद बलवान खोखर, पूर्व विधायक महेंद्र यादव, कृष्णा खोखर, गिरिधर लाल, सेवानिवृत्त कैप्टन भागमल को दोषी ठहराया था।
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