Monday, April 29, 2019

उत्तर प्रदेश : हमीरपुर-महोबा सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष के आसार

उत्तर प्रदेश में हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी लोकसभा सीट के लिए सोमवार को मतदान हो रहा है। अभी तक माना जा रहा था कि इस सीट में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) व समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीधी लड़ाई होगी, लेकिन कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के महोबा में रोड शो और हमीरपुर के राठ में जनसभा के बाद अब यहां त्रिकोणीय संघर्ष के आसार बन गए हैं।

हमीरपुर-महोबा लोकसभा सीट का गठन हमीरपुर, महोबा जिले की दो-दो और बांदा जिले की तिंदवारी विधानसभा सीट को मिलाकर हुआ है। समूचे लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख, 38 हजार, 107 है। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या सात लाख, 90 हजार, 451, पुरुष मतदाताओं की संख्या नौ लाख, 47 हजार, 611 और 45 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। 1952 से लेकर अब तक 16 बार हुए चुनाव में इस सीट से कांग्रेस सात बार जीत हासिल कर चुकी है।

1952 से लेकर 1971 तक कांग्रेस लगातार पांच बार चुनाव जीती थी, लेकिन 1977 में लोकदल ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली थी। 1980 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की वापसी हुई और 1984 के चुनाव में भी उसने जीत हासिल की। लेकिन 1989 के चुनाव में यहां जनता दल तो 1991 के चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 1996 व 1998 में भी भाजपा की जीत बरकरार रही।

1999 के चुनाव में बसपा के अशोक सिंह चंदेल जीते, 2004 में सपा के राजनारायण बुधौलिया चुनाव जीत कर सांसद बने। 2009 में बसपा के विजय बहादुर सिंह चुनाव जीते तो 2014 के चुनाव में मोदी लहर में भाजपा के पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने इस सीट से जीत दर्ज की। 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने मौजूदा सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल को मैदान में उतारा है, तो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) व समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन से बसपा के दिलीप सिंह महोखर चुनाव मैदान में हैं।

कांग्रेस ने यहां प्रीतम सिंह लोधी ‘किसान’ को टिकट दिया है। अभी तक माना जा रहा था कि इस ठाकुर बाहुल्य सीट पर भाजपा के पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल और गठबंधन उम्मीदवार दिलीप सिंह महोखर के बीच सीधी लड़ाई होगी, लेकिन बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के महोबा में रोड शो और हमीरपुर के राठ में जनसभा के बाद अब लड़ाई त्रिकोणीय होती नजर आ रही है। हालांकि, भाजपा, बसपा और कांग्रेस के नेताओं ने अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत के दावे किए हैं।

यहां सोमवार (29 अप्रैल) को मतदान हो रहा है। बसपा के बुंदेलखंड प्रभारी पूर्व मंत्री गयाचरण दिनकर कहते हैं, ‘यह क्षेत्र बसपा का गढ़ रहा है और केन्द्र की मोदी सरकार के नाकाम रहने की वजह से यहां बसपा उम्मीदवार नीला परचम फहराएगा।’ भाजपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के बुंदेलखंड-कानपुर क्षेत्र के अध्यक्ष इन्द्रपाल सिंह पटेल का कहना है, ‘राष्ट्रवाद और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता से भाजपा प्रत्याशी एक बार फिर जीत का सेहरा बांधेगा।’ जबकि कांग्रेस के प्रदेश संगठन मंत्री साकेत बिहारी मिश्र का कहते हैं, ‘प्रियंका गांधी के दौरे के बाद इस सीट पर मतदाताओं का रुख बदला है और कांग्रेस भारी मतों से जीत की ओर बढ़ रही है।’



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