अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि भारत किसी भी आतंकवादी कृत्य पर चुप नहीं रहेगा और आतंकवाद की सभी घटनाओं का ‘‘माकूल जवाब’’ देना भारत के लिए कोई नयी बात नहीं है। हर्षवर्धन श्रृंगला ने ग्रेटर वॉशिंगटन क्षेत्र के विभिन्न विश्वविद्यालयों के भारतीय छात्रों के साथ अपनी तरह की पहली बातचीत में कहा कि पाकिस्तान को उसकी जमीन पर सक्रिय आतंकवादी नेटवर्कों और पनाहगाहों को नष्ट करने की अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता पूरी करनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा से करीब 80 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर मंगलवार तड़के बम गिराकर उसे नष्ट कर दिया। इसमें ‘‘बड़ी संख्या’’ में आतंकवादी मारे गए।
हर्षवर्धन श्रृंगला ने भारत में इस नए घटनाक्रम की भारतीय छात्रों को जानकारी दी और बताया कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत ने इस तरह कर कार्रवाई का रास्ता क्यों चुना। उन्होंने कहा कि भारत ने 26/11, पठानकोट और उरी हमलों के संबंध में ऐसी खुफिया जानकारी मुहैया कराई थी जिसके आधार पर पाकिस्तान को कार्रवाई करनी चाहिए थी। इसके बावजूद पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने पाकिस्तान के भीतर घुसकर भारतीय वायुसेना के किए साहसी हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘इस बार भारत ने एहतियातन हमला करने का विकल्प चुना। यह विकल्प भारत के भीतर एक और आतंकवादी हमला करने के आतंकवादियों के षड़यंत्र के मद्देनजर चुना गया।’’ हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, ‘‘ऐसा करते समय भारत ने यह सुनिश्चित किया कि यह असैन्य हमला हो और इसे ऐसे दूरस्थ इलाके में किया जाए जहां कोई आम नागरिक हताहत नहीं हो।’’
उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रहा। हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के साथ है।’’ इस संबंध में अमेरिका से मिले मजबूत समर्थन की सराहना करते हुए श्रृंगला ने कहा कि यह घटना आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की दिशा में दोनों देशों को साथ लेकर आई है।
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