नई दिल्ली : अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में एक नया प्रस्ताव पेश किया है। वैश्विक आतंकवादी की सूची में नाम आने से मसूद पर वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लग जाएगा । साथ ही उसकी संपत्ति जब्त हो जाएगी।
पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में वीटो के अधिकार वाले तीन देशों ने बुधवार को यह नया प्रस्ताव पेश किया। तीन देशों की ओर से पेश इस नए प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति को 10 कामकाजी दिन में विचार करना होगा। मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए पिछले 10 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र में यह चौथा ऐसा प्रयास है। किसी प्रतिबंधित व्यक्ति अथवा संगठन की संपत्ति जब्त करने की सूरत में सभी देशों को उसको मिलने वाले धन पर तथा अन्य आर्थिक सहायता अथवा आर्थिक संसांधनों पर अविलंब रोक लगानी होती है। इसी प्रकार से यात्रा प्रतिबंध के तहत सभी देश प्रतिबंधित व्यक्ति को अपने क्षेत्र में प्रवेश देने अथवा वहां से गुजरने देने पर रोक लगाते हैं।
भारत ने 2009 में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद 2016 में भारत ने इस संबंध में पी3 देशों यानी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिल कर संयुक्त राष्ट्र की 1267 सदस्यीय प्रतिबंध समिति के समक्ष मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद 2017 में भारत ने पी3 देशों के साथ इसी प्रकार का प्रस्ताव फिर से पेश किया लेकिन सभी मौकों पर वीटो का अधिकार रखने वाले सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य चीन ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके इसमें अडंगा डाला। दरअसल चीन पाकिस्तान का बेहद करीबी मुल्क है, और वह पहले भारत फिर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रस्ताव पर तकनीकी रोड़े अटका चुका है। सब की निगाहें अब इस ओर लगी हैं कि इस प्रस्ताव पर चीन इस बार क्या रुख अपनाता है।
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