मुंबई 26/11, 2008 को मुंबई आए दस फिदायीन आतंकवादियों में अकेला जिंदा बचा था। उसके द्वारा उगले गए ज्यादातर खुलासे पूरी दुनिया को अब पता चल चुके हैं, पर बहुत सी वे जानकारियां जांच अधिकारियों ने कागजों पर अधिकृत रूप से लिखी ही नहीं थीं, जिनका केस से कोई लेना-देना नहीं था। इस केस की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने एनबीटी से कहा कि अजमल कसाब को तंबाकू खाने की लत थी। जैसे ही वह पहली बार लश्कर ए तैयबा के दफ्तर के गेट पर पहुंचा, तो उसकी तलाशी में गुटखे के पाउच मिलने पर उसे बोल दिया गया कि आज के बाद से तुम्हारी जेब में गुटखा मिलना नहीं चाहिए। उसके बाद से कसाब ने गुटखा खाना छोड़ दिया। कसाब को लश्कर के मुरीदके कैंप में 21 दिन की पहली ट्रेनिंग दौरा ए सुफा की दी गई थी। यहां उसका ब्रेनवॉश किया गया था। 60 घंटे रखा भूखातीन महीने बाद जब कसाब व अन्य लोगों को दौरा ए आमा भेजा गया, तो सबको पक्का मुजाहिद बनाने की ट्रेनिंग दी गई। यहां उसे एके-47, राइफल, पिस्टल चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद उसे दौरा ए खासा की ट्रेनिंग के लिए मशकरा आक्सा, मुजफ्फराबाद भेजा गया, जहां हथियारों की ट्रेनिंग के अलावा जीपीएस सिस्टम, मैप रीडिंग, सेल्फ डिफेंस का भी प्रशिक्षण दिया गया। यहां उसे यह भी बताया गया कि सिक्युरिटी फोसर्स से कैसे बचना है। यहां उसे 60 घंटे तक लगातार भूखा रहकर पहाड़ी पर चढ़ने को कहा गया। यही नहीं, जब ट्रेनिंग खत्म हुई, तो उसके पहले के तीन दिन भी भूखा रहने को कहा गया। ताज में शराब पी थी26/11 को मुंबई में घुसने से पहले दस पाकिस्तानी आतंकवादी दहशत का हर सामान लेकर आए थे, पर लश्कर ए तैयबा के सरगनाओं ने कराची में उन्हें अल हुसैनी जहाज में बैठाने से पहले शराब की बोतलें पीने के लिए नहीं दी थीं। हमले में मारे गए 9 आतंकवादियों की पोस्टमॉर्टम से पता चला कि जावेद उर्फ अबू अली नामक आतंकवादी ने होटल ताज में गोलीबारी के बाद शराब पी थी।
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