Friday, November 29, 2019

यूपीः सरकारी अस्पतालों को लेना होगा गोमूत्र वाला फिनायल!

लखनऊ उत्तर प्रदेश में निराश्रित पशुओं की देखरेख में बजट अब आड़े नहीं आएगा। गो सेवा आयोग ने पशु आश्रय केंद्रों की आमदनी बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। और गोबर से फिनायल, लट्ठ समेत कई प्रॉडक्ट तैयार करवाकर उसे बेचा जाएगा। उससे होने वाली आय से गायों की सेवा की जाएगी। प्रदेश के सभी अस्पतालों में गोमूत्र से बनने वाली फिनायल की आपूर्ति करवाने और श्मशान घाटों पर गोबर के लट्ठ की खरीद अनिवार्य करने के लिए गो सेवा आयोग के अध्यक्ष ने सीएमओ और नगर आयुक्त को पत्र भेजा है। राजधानी के पशु आश्रय केंद्रों में निराश्रित पशुओं के चारे के बजट की हकीकत की पड़ताल कर एनबीटी ने शनिवार को '30 रुपये में एक वक्त का ही चारा खा रहे मवेशी' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। गो सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रफेसर श्याम नंदन सिंह ने एनबीटी की खबर का संज्ञान लेकर पशु आश्रय केंद्रों की आमदनी बढ़ाने के लिए सीएमओ और नगर आयुक्त को पत्र भेजा है। सीएमओ को भेजे पत्र में गो सेवा आयोग के अध्यक्ष ने कहा है कि गोमूत्र से फिनायल बनाया जा रहा है। गोमूत्र से बना फिनायल साइंटिफिकली प्रूव्ड है। लिहाजा अस्पतालों में इसी फिनायल की आपूर्ति करवाएं, ताकि पशु आश्रय केंद्रों में रखे गए मवेशियों की मदद हो सके। वहीं नगर आयुक्त को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि गोबर से बनने वाली दंडिका (लट्ठ) को श्मशान घाट पर अपनों का दाह संस्कार करने आने वालों के लिए खरीदना अनिवार्य करें, ताकि उससे रकम जुटाकर गायों की मदद की जा सके। बॉयोगैस का भी लगेगा प्लांट, बनेगी सीएनजी बिजनौर के पशु आश्रय केंद्र में गोबर से बॉयोगैस बनाई जा रही है। सीएनजी बनाने का प्लांट लगाया गया है। कान्हा उपवन में भी इसी तर्ज पर प्रॉजेक्ट तैयार करने के लिए तीन निजी कंपनियों से बात की गई है। जिलों के सभी पशु आश्रय केंद्रों से निकलने वाले गोबर से बॉयोगैस और कंपोस्ट बनाने के लिए एक सेंट्रलाइज सिस्टम तैयार किया जाएगा और वहीं पर बॉयोगैस और सीएनजी बनाई जाएगी। इससे होने वाली आय को मवेशियों की देखभाल में खर्च किया जाएगा। गोमूत्र से बन रहे अर्क और मूर्तियां गोमूत्र से विशेष प्रकार का अर्क बनाया जा रहा है, जो गठिया की बीमारी में लाभदायक है। इसके अलावा गोबर से मूर्तियां व दीये भी बनाए जा रहे हैं। मलिहाबाद व गोसाईंगंज की दो गोशालाओं में प्रॉडक्शन शुरू करवा दिया गया है। इसके अलावा अन्य गो आश्रय केंद्रों में भी प्रॉडक्ट तैयार करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह व्यवस्था सभी पशु आश्रय केंद्रों में लागू की जाएगी, ताकि आय बढ़ सके।


from Metro City news in Hindi, Metro City Headlines, मेट्रो सिटी न्यूज https://ift.tt/37QfnmY

No comments:

Post a Comment