मुंबई महाराष्ट्र में गुरुवार का दिन शिवसेना के लिए नई सुबह लेकर आया है। पहली बार ठाकरे परिवार का कोई सदस्य मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने जा रहा है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास आघाडी (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस) की सरकार बनने जा रही है। शिवसैनिकों में इसको लेकर काफी जोश और उत्साह है। इस बीच मुंबई में शिवसेना भवन के पास शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तस्वीर वाले पोस्टर देखे जा रहे हैं। इसके साथ ही पोस्टर में बाल ठाकरे, शरद पवार और जॉर्ज फर्नांडिस की एक पुरानी तस्वीर भी है। इंदिरा का अभिवादन करते बाल ठाकरे की तस्वीर पोस्टर में लिखा है- बालासाहेब का सपना साकार, शिवसेना का मुख्यमंत्री। इस पोस्टर में बाल ठाकरे इंदिरा गांधी का अभिवादन करते नजर आ रहे हैं। शिवसेना संस्थापक ठाकरे ने कई बार इंदिरा की नीतियों का समर्थन किया था। बालासाहेब ने 1975 में इंदिरा द्वारा लगाई गई इमर्जेंसी का भी समर्थन किया था, जब ज्यादातर विपक्षी पार्टियां इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। यही नहीं जनता पार्टी की सरकार आने के बाद जब 1978 में इंदिरा को गिरफ्तार किया गया तो उन्होंने इसके खिलाफ बंद आयोजित किया। 1975 में इमर्जेंसी का बालासाहेब ने किया था समर्थन इमर्जेंसी के वक्त महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शंकर राव चव्हाण थे। बाल ठाकरे की जीवनी लिखने वाली सुजाता आनंदन ने बताया था कि चव्हाण ने बालासाहेब के पास अपने दो संदेशवाहक भेजे। बाल ठाकरे से कहा गया कि उनके पास दो ही विकल्प हैं या तो मुंबई दूरदर्शन के स्टूडियो पहुंचकर इमर्जेंसी के समर्थन का ऐलान कर दें या फिर गिरफ्तारी के लिए तैयार रहें। फैसला लेने के लिए उन्हें आधे घंटे का वक्त दिया गया। थोड़ी देर विचार-विमर्श के बाद बालासाहेब ने इमर्जेंसी के समर्थन की घोषणा की थी। महाराष्ट्र में आज से ठाकरे राज शिवसेना ने बड़े नेताओं का कहना है कि वे बालासाहेब से किए गए उस वादे को पूरा कर रहे हैं जिसमें शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कही गई थी। खुद उद्धव ठाकरे इसका जिक्र कर चुके हैं। आज शाम 6 बजकर 40 मिनट पर उद्धव ठाकरे शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले शिवसेना ने बीजेपी पर बाल ठाकरे की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए चुनाव जीतने के आरोप लगाए थे। पार्टी प्रवक्ता संज राउत ने कहा कि 25 साल तक उन्होंने (बीजेपी ने) महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए बालासाहेब के पोस्टरों का इस्तेमाल किया। बहुमत परीक्षण से पहले फडणवीस का इस्तीफा सुप्रीम कोर्ट द्वारा 27 नवंबर को बहुमत परीक्षण का आदेश दिए जाने के बाद महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला था। बहुमत परीक्षण से पहले ही 26 नवंबर की शाम करीब पौने चार बजे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफे का ऐलान किया। वहीं, उससे एक घंटे पहले ही एनसीपी नेता अजित पवार ने डेप्युटी सीएम पद से अपना इस्तीफा फडणवीस को सौंपा था। 23 नवंबर को फडणवीस और अजित पवार ने शपथ ली थी। दोनों के इस्तीफे के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की बैठक में उद्धव ठाकरे को महाविकास आघाडी का नेता चुना गया। इसके बाद 26 नवंबर की रात में करीब साढ़े नौ बजे उद्धव ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
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