चंडीगढ़ : हरियाणा में चल रहे करीब एक हजार राइस मिल मालिकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने उनकी वर्षों पुरानी मिलिंग चार्ज बढ़ाने व चावलों का भार कम करने की मांग को पूरा करने का फैसला कर लिया है। यही नहीं प्रदेश सरकार पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर अब अपने स्तर पर भी मिल मालिकों को मिलिंग चार्ज देगी। विधानसभा में बजट सत्र के दौरान अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल ने राइस मिल मालिकों के मिलिंग रेट बढ़ाने का मुद्दा उठाया।
जिसके जवाब में खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री कर्ण देव कंबोज ने बताया कि प्रदेश सरकार ने एक पत्र के माध्यम से भारत सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान की कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्ज को मिलिंग चार्जिज की अदा की जाने वाली राशि दस रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 15 रुपए प्रति क्विंटल करने का अनुरोध किया है। इस पर असीम गोयल ने कहा कि हरियाणा में इस समय 900 से अधिक राइस मिल हैं। पड़ोसी राज्यों की सरकारों द्वारा राइस मिल मालिकों को अपने स्तर पर भी एमएसपी के अलावा मिलिंग चार्जिज दिए जाते हैं।
हरियाणा सरकार को भी पड़ोसी राज्यों की तरह से अलग से मिलिंग चार्जिज देने चाहिए। असीम गोयल की इस मांग का समर्थन करते हुए थानेसर के विधायक सुभाष सुधा व असंध के विधायक बख्शीश सिंह विर्क ने कहा कि हरियाणा के राइस मिल मालिक लंबे समय से यह मांग करते आ रहे हैं कि धीरे-धीरे धान का उत्पादन कम होता जा रहा है। जिसके चलते सरकार ने एक क्विंटल धान में से 67 किलो चावल लेने की शर्त लगाई हुई है। जबकि देश के कई राज्यों ने अब इसे 65 किलो कर दिया है।
भाजपा विधायकों के तर्ज सुनने के बाद कर्ण देव कांबोज ने कहा कि हरियाणा सरकार बहुत जल्द पड़ोसी राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन करवाकर उसे लागू करते हुए राइस मिल मालिकों को प्रदेश स्तर पर भी मिलिंग चार्ज प्रदान करेगी। कांबोज ने बताया कि हरियाणा सरकार ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि प्रति एक क्विंटल धान में से 64 किलो चावल लिए जाने की शर्त को लगाया जाए।
(आहूजा)
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