मुंबई कभी सहयोगी रही भारतीय जनता पार्टी () पर के नेता ने जोरदार हमला किया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष शिवसेना से ईर्ष्या करता है क्योंकि जो पहले सत्ता में थे वह अब बाहर हो गए हैं। इतना ही नहीं, आदित्य ने यह भी कहा कि वे अब सत्ता से बाहर हो गए हैं, जिसकी वजह से दुखी हैं और मैं उन्हें कभी 'बरनॉल' लगाने की सलाह नहीं दूंगा। आदित्य ठाकरे ने यह भी कहा, 'हम उनका दर्द समझते हैं लेकिन हम अपने काम पर पूरा ध्यान दे रहे हैं क्योंकि लोगों ने हम पर भरोसा किया है। हमने अपने वादों को पूरा करना भी शुरू कर दिया है जैसे कि कर्ज माफी, 10 रुपये में खाना या फिर लोगों को घर मुहैया कराना हो।' 'ईर्ष्या करती है बीजेपी'मुख्यमंत्री के बेटे आदित्य ने कहा, 'महा विकास अघाड़ी राज्य के कल्याण के लिए काम करती रहेगी और हम इस तरह के ट्रोल्स को नजरंदाज करेंगे। उन्हें हमें ट्रोल करने दीजिए क्योंकि वे सत्ता में नहीं हैं। वे ट्रोलिंग में ही व्यस्त रहें। वे हमें उन जगहों से ट्रोल कर रहे हैं जहां उन्होंने इंटरनेट नहीं बंद किया है। यह अच्छा है कि वे अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल ऐसा करने में कर रहे हैं। दरअसल, वे सत्ता से बाहर हैं तो हमसे ईर्ष्या करते हैं।' पढ़ें: 'सत्ता से बाहर हैं तो...'मुख्यमंत्री उद्धव को लेकर आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट करने वाले वडाला के एक शख्स का सिर मुंडाने के मामले में आदित्य ने कहा, 'मैं जानता हूं कि ये ट्रोलर्स न सिर्फ शिवसेना को ट्रोल करते हैं बल्कि महिला और महिला पत्रकारों को भी ट्रोल करते हैं। यह स्वाभाविक है कि जब कोई नाराज होगा तो वह ट्रोलिंग में व्यस्त हो जाएगा। लेकिन मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे नाराज न हों। दरअसल, सत्ता से बाहर होने की वजह से यह सबकुछ किया जा रहा है।' ऐसे शुरू हुआ था ट्वीट वॉर बता दें कि यह सारा मामला महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के एक ट्वीट के साथ शुरू हुआ था। देवेंद्र फडणवीस ने अपने ट्वीट में नेता राहुल गांधी की उनके उस बयान के लिए आलोचना की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है। फडणवीस ने कहा था कि राहुल गांधी हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर की परछाई तक नहीं छू सकते हैं। पति की टिप्पणी के बाद ने रविवार को शिवसेना अध्यक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अपने नाम के पीछे सिर्फ ठाकरे लगा लेने से कोई 'ठाकरे' नहीं हो सकता। उन्होंने ट्वीट किया, 'बिलकुल सही देवेंद्र फडणवीस जी, अपने नाम के बाद केवल ठाकरे उपनाम लगाने से कोई भी 'ठाकरे' नहीं बन सकता। एक को अपने परिवार और सत्ता की ललक से ऊपर लोगों और पार्टी के सदस्यों की बेहतरी के लिए सच्चा, सैद्धांतिक और ईमानदार होने की जरूरत है।' प्रियंका चतुर्वेदी का पलटवारइस पर पलटवार करते हुए शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को कहा कि ठाकरे अपने नाम पर खरा उतर रहे थे लेकिन पेशेवर बैंकर अमृता फडणवीस को यह बात समझ नहीं आई। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हां, वह अपने नाम पर खरा उतर रहे हैं लेकिन हमेशा की तरह आपने यह खबर नहीं देखी, उन्होंने वादे पूरे किए और अपने लोगों के कल्याण के लिए काम करने, किसानों का कर्ज माफ करने, 10 रुपये में भोजन जैसी अपनी मूल प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए हर क्षेत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय काम कर रहा है।' (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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