मुंबई घर पर विस्फोटक सामान बनाने वाले एक छोटे किसान ने पुलिस समेत करीब 18 बम लोगों पर फेंक दिए। पालघर के विक्रमगड़ में मंगलवार को 12 घंटे से ज्यादा देर तक चले ऑपरेशन में उसे गिरफ्तार किया जा सका। संतोष शेंदे और उनकी पत्नी के बीच गुजारा भत्ता को लेकर विवाद चल रहा है। पुलिस का कहना है कि संतोष मानसिक रूप से अस्थिर है। पुलिस ने कहा कि संतोष ने बम बनाना सीखा है लेकिन उनका कोई आतंकी संबंध नहीं है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि संतोष ने बम बनाने के लिए सामान कहां से पाया। शेंडेपाड़ा नागरिक ने एक महीने में 18 बम लोगों पर फेंके हैं लेकिन कोई घायल या हताहत नहीं हुआ। 18 दिसंबर को शेंदे ने नारायण बेंडगा नाम के शख्स पर हमला किया था जिन्होंने पत्नी से मारपीट के केस में शेंदे की जमानत दी थी। पहले भी किया हमला शेंदे हर हफ्ते लोकल पुलिस स्टेशन में हाजिरी की शर्त नहीं निभा रहे थे जिसके बाद बेंडगा ने अपनी जमानत वापस ले ली थी। अगले दिन पुलिसवाले उसे गिरफ्तार करने आए तो संतोष ने उनके ऊपर बम फेंक दिए। इसके बाद संतोष के खिलाफ पुलिसकर्मियों पर हमले और विस्फोटक रखने का केस भी दर्ज किया गया है। गांववालों के शिकायत करने पर पुलिसवालों ने आतंक-निरोधी सेल और बम डिस्पोजल स्क्वॉड की मदद से संतोष को पकड़ने की कोशिश की। संतोष के पास दो कुत्ते थे जो उसे अलर्ट कर देते थे। इसके लिए पहले उन दोनों का ध्यान भटकाया गया। इसके बाद मंगलवार को चार टीमों ने अचानक धावा बोला लेकिन संतोष बम के साथ तैयार था। हालांकि, पुलिस ने बम गिराकर उसे डिफ्यूज कर दिया। संतोष के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाने, पुलिस पर हमले और विस्फोटक रखने का केस दर्ज किया गया है।
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