लखनऊ यूपी के मेरठ शहर के एसपी अखिलेश नारायण सिंह के 'पाकिस्तान जाने' के बयान के भारी विरोध के बाद अब यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने उन्हें डांट लगाई है। डीजीपी ने एसपी सिटी से मौखिक स्पष्टीकरण भी मांगा। ओपी सिंह ने कहा कि पुलिस अधिकारी को ऐसे किसी भी शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिससे किसी की भावनाएं आहत हों या कोई विवाद पैदा हो। डीजीपी ओपी सिंह ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में इसकी पुष्टि की है। ओपी सिंह ने कहा, 'जैसे ही यह विडियो सामने आया मैंने अधिकारी से मौखिक स्पष्टीकरण मांगा। मैंने उन्हें (अखिलेश नारायण सिंह) डांट भी लगाई और कहा कि तत्कालीन स्थिति को देखते हुए एक पुलिस अधिकारी को और ज्यादा अच्छे शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए था। ऐसा कुछ भी नहीं कहा जाना चाहिए जिससे किसी की भावनाएं आहत हों या विवाद पैदा हो। हमें संविधान का सम्मान करना चाहिए। अधिकारी ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह भविष्य में इसका पूरा ख्याल रखेंगे।' बीजेपी में पूरे मामले को लेकर दो स्वर डीजीपी ने यह भी कहा कि एसपी सिटी ने उन्हें बताया है कि मीडिया में जिस परिप्रेक्ष्य में उनके बयानों को दिखाया जा रहा है, वह सही नहीं है। बता दें कि डीजीपी का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब बीजेपी में ही इस पूरे मामले को लेकर दो स्वर सुनाई देने लगे हैं। एसपी के बयान की चौतरफा निंदा होते देख बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सिटी एसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं उत्तर प्रदेश के डेप्युटी सीएम केशव मौर्या ने एसपी का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि एसपी सिटी ने सभी मुस्लिमों के बारे में नहीं कहा था। मुख्तार अब्बास नकवी ने मेरठ के एसपी सिटी के विवादास्पद बयान पर कहा, ‘अगर किसी पुलिसकर्मी ने ऐसा किया है, तो उसपर कार्रवाई होनी चाहिए। इस बात की जांच होनी चाहिए। पुलिसकर्मियों का काम शांति बहाल करना होता है।’ बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल विडियो में मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह लोगों को धमकाते हुए दिख रहे हैं। विडियो में वह कह रहे हैं, 'इस गली को ठीक कर दूंगा मैं, एक-एक घर के एक-एक आदमी को जेल में बंद करूंगा मैं, बर्बाद करके रख दूंगा करियर। खाते यहां का हो और गाते कहीं और का हो।' एसपी सिटी का बयान गलत नहीं: केशव विडियो में वह कथित रूप से यह कहते भी सुने जा रहे हैं कि विरोध में काली-पीली पट्टी बांधने वाले पाकिस्तान चले जाओ। उधर, यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने एसपी का बचाव किया है। केशव ने कहा, 'उन्होंने (एसपी ने) सभी मुस्लिमों के बारे में यह नहीं कहा था। जो लोग पत्थरबाजी के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे, उन्हें कहा था। जो लोग इस तरह की गतिविधि में शामिल हैं, उनके लिए एसपी सिटी का बयान गलत नहीं है।' वहीं उमा भारती ने अखिलेश नारायण सिंह का बचाव किया है। बीजेपी की वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘मैं मेरठ शहर के एसपी के साथ खड़ी हूं।’ माया ने भी की कार्रवाई की मांग बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने भी मेरठ में अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान चले जाने की धमकी दे रहे एसपी की भाषा और आचरण की कड़ी निंदा करते हुए ऐसे पुलिसकर्मियों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की है। मायावती ने रविवार को किए गए ट्वीट में कहा, 'उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वर्षों से रह रहे मुसलमान भारतीय हैं ना कि पाकिस्तानी। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन के दौरान खासकर उत्तर प्रदेश के मेरठ एसपी सिटी का उनके लिए साम्प्रदायिक भाषा/टिप्पणी की प्रयोग करना अति निन्दनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है।'
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