लखनऊ के 43वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित पुरस्कार वितरण एवं अभिनंदन समारोह में सूबे के सीएम ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने लेखकों से समाज की ज्वलंत समस्याओं को रचनात्मक दिशा देने की अपील की। साथ ही सीएम योगी ने यह भी कहा कि कुछ लोग का इस्तेमाल करके समाज में भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान में सम्मानित होने वाले सभी साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि हिंदी का यश लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिंदी में अपने अभिभाषणों के माध्यम से न केवल दुनिया को अपने देश की ओर आकर्षित करते हैं, अपितु दुनिया को देश की ताकत का अहसास भी कराते हैं।' 'भेदभाव से परे हो लेखनी' सीएम योगी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि कुछ लोग साहित्य को खेमेबाजी में बांटकर ऐसी स्थिति लाते हैं कि समाज में खासतौर पर युवा पीढ़ी के बीच भ्रम पैदा हो जाता है। उन्होंने साहित्यकारों से अपील करते हुए कहा, 'साहित्यकारों को समाज की ज्वलंत समस्याओं को एक रचनात्मक दिशा देने के लिए अपनी लेखनी से ऐसे प्रयास करने चाहिए, जिनमें व्यापक लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण का भाव निहित हो।' सीएम योगी ने आगे कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है इसलिए लेखनी को बन्धन मुक्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लेखनी को किसी भी भेदभाव से परे होना चाहिए। ये साहित्यकार होंगे सम्मानित हिन्दी संस्थान के विविध सम्मानों से प्रदेश के हिन्दी विद्वान सम्मानित होंगे। समारोह में भारत भारती सम्मान से पटना की डॉ़ उषा किरण, लोहिया साहित्य सम्मान से पटियाला के डॉ. मनमोहन सहगल, हिन्दी गौरव सम्मान से वाराणसी के डॉ. बद्रीनाथ कपूर, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान से भागलपुर के डॉ. श्रीभगवान सिंह, पंडित दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान से लखनऊ के ओमप्रकाश पांडेय, अवंतीबाई साहित्य सम्मान से दिल्ली की डॉ. कमल कुमार और राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान से मणिपुर हिन्दी परिषद को नवाजा जाएगा। समारोह में साहित्य भूषण सम्मान से कई विभूतियों का सम्मानित किया जाएगा।
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