शिवसेना ने कहा कि भीड़भाड़ वाले उपनगरीय इलाके में दो दिन पहले एक विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना निजी कंपनियों द्वारा विमानों के रख – रखाव और महानगर में खुले स्थान के अभाव के बारे में कई सवाल खड़े करता है। उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने महानगर में विमानों की आवाजाही के संबंध में शहर के भूगोल और बढ़ती आबादी और जर्जर इमारत का अध्ययन कराने का सुझाव दिया।
शहर में देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। हादसे में चालक दल के चार सदस्यों समेत पांच लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में दो पायलट और एक पैदल यात्री शामिल थे। यह हादसा उस वक्त हुआ जब 12 सीटों वाला चार्टर्ड विमान मंगलवार को उपनगरीय घाटकोपर में एक निर्माणाधीन इमारत से टकरा गया। शिवसेना ने कहा कि देश की वित्तीय राजधानी में खुले स्थान के अभाव ने आपात स्थिति में बड़े विमानों का सुरक्षित तरीके से उतरना मुश्किल बना दिया है।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने अपने संपादकीय में कहा, “(घाटकोपर) में दुर्घटनाग्रस्त होने वाला विमान छोटे आकार का था। हालांकि, अगर बड़े विमान को आपात स्थिति में उतरना हो तो इसके लिये कहां खुला स्थान है।” संपादकीय में कहा गया है, “अगर (इस तरह के विमान) के पायलट को खुला स्थान नहीं मिलता है तो भविष्य में इससे बड़ा हादसा हो सकता है।”
उसमें कहा गया है, “घाटकोपर हादसे को आसन्न खतरे के लिये चेतावनी माना जाना चाहिये। विमानों की आवाजाही और उनकी सुरक्षा के संबंध में मुंबई के भूगोल, बढ़ती आबादी, जर्जर और लंबी इमारतों का अध्ययन किये जाने की आवश्यकता है।” दुर्घटना से कई सवाल सामने आ गए हैं और विमानों का रख-रखाव करने में निजी उड्डयन कंपनियों की ओर से लापरवाही उजागर हुई है।
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