लुधियाना- अमृतसर : पंजाब की सत्ता पर काबिज होने से पूर्व कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रदेश से बेरोजगारी और नशा खत्म करने की बात कही थी। पावन श्री गुटका साहिब की सौगंध खाकर कैप्टन ने प्रण किया था। सरकार ने एक वर्ष से ज्यादा समय पूरा कर लिया।
पंजाब से न तो नशा खत्म हुआ और न ही युवाओं को रोजगार मिला। यह बात बीपीएड, एमपीडी बेरोजगार शारीरिक शिक्षा यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कही। हाल गेट पर मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए इन युवाओं में सरकार के प्रति खासी नाराजगी देखी गई।
यूनियन के पंजाब महासचिव केशव कोहली ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से पंजाब के सरकारी स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन टीचर रखने के लिए सरकार ने आवेदन मांगे। 700-700 रुपये आवेदन फीस भी ली गई, लेकिन टीचर की नियुक्ति नहीं की गई। फीस के रूप में सरकार ने करोड़ों रुपये वसूल लिए। पंजाब सरकार 2019 में एजुकेशन पॉलिसी के तहत फिजिकल एजुकेशन सब्जेक्ट को अनिवार्य रूप से लागू करने की बात कर रही है, लेकिन इस सब्जेक्ट के टीचर ही नहीं होंगे तो छात्रों को पढ़ाएगा कौन।
कोहली ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सत्ता में आने से पहले श्री गुटका साहिब की सौगंध खाई थी कि पंजाब से चार सप्ताह के भीतर ही नशा खत्म कर देंगे। नशा तो खत्म नहीं हुआ, हां बेरोजगारी के कारण युवाओं में नशावृत्ति बढ़ गई। युवा मौत की आगोश में समा रहा है और सरकार चैन की बांसुरी बजा रही है।
– सुनीलराय कामरेड
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