Tuesday, May 26, 2020

UP: सस्ती दुकानें, घर...मजदूरों के लिए यह प्लान

लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए कार्ययोजनाएं तैयार कर रही है। अब इसी कड़ी में सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से अपने घर लौटे यूपी के प्रवासियों के लिए सस्ती दरों पर दुकानें और घर मुहैया कराने की योजना तैयार की है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अर्थव्यवस्था में श्रमिकों/कामगारों व शहरी निर्धन लोगों की अहम भूमिका है। अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स स्कीम से झुग्गी बस्तियों व अनियोजित अवैध कालोनियों की समस्या का भी समाधान होगा। हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के लिए जमीन चिह्नित की जाए और निर्माण के समय जरूरी व्यवस्थाएं व बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित कर लें। भवनों को भी चिह्नित किया जा सकता है जिनका ग्राउंड फ्लोर छोड़कर पहले, दूसरे या अन्य तलों पर रेंटल कॉम्प्लेक्स बनाए जा सकते हैं। स्थानीय जरूरतों के हिसाब से फैसले लें। प्राइवेट बिल्डरों को भी किया गया शामिल स्थानीय निकायों और प्राइवेट बिल्डर्स के पास से आए प्रस्ताव पर फैसला लिया गया है कि मल्टिस्टोरीज बिल्डिंगों में श्रमिकों को कुछ जगह दी जाए। श्रमिकों को जगह देने पर सरकार इस फ्लोर एरिया के रेशियो, जीएसटी और अन्य चीजों में बिल्डर को राहत देगी। सरकारी बिल्डिंगों में भी श्रमिकों के लिए डोरमेट्री और दुकानें उपलब्ध कराई जाएंगीं। इन दुकानों में पानी, बिजली और सीवर की सुविधा होगी। पूरी हुई स्किल मैपिंग योगी सरकार ने घर लौटे 14.75 लाख कामगारों के हुनर का हिसाब तैयार कर लिया है। सरकार की तैयारी घर लौटे प्रवासियों को वर्क फोर्स में बदलने की है। इसलिए इनकी स्किल मैपिंग करवाई जा रही है। इसकी स्थायी कार्ययोजना के लिए श्रमिक कल्याण आयोग का गठन किया जाएगा। प्रदेश में अब तक 25 लाख से अधिक प्रवासी लौट चुके हैं। सीएम ने वापसी के साथ ही इनकी स्किल मैपिंग करवाने के निर्देश किए थे, ताकि दक्षता के अनुसार उनके स्थायी रोजगार की व्यवस्था की जा सके। प्रदेश को पलायन के दंश बचाया जा सके। राजस्व विभाग ने इसके लिए ऐप भी लॉन्च किया है। इसके जरिए क्वारंटीन सेंटरों से लेकर घरों तक सर्वे शुरू किया गया है। योगी ने 15 दिनों के भीतर स्किल मैपिंग पूरी करने को कहा है। मैपिंग की तस्वीर ने बढ़ाई उम्मीदें एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि स्किल मैपिंग की कसरत से निकल रहे नतीजे उम्मीद भरे हैं। पहले चरण में जो डेटा आया है, उसमें रियल एस्टेट, आईटी, इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक्स, होम केयर, पर्सनल केयर, पैरामेडिकल, फार्मा जैसी विधाओं में लोगों की दक्षता की जानकारी मिली है। सरकार की सोच है कि अगर उनका सही इस्तेमाल अपने यहां किया जाए या इसे संगठित रूप दिया जाए तो इसका फायदा प्रदेश को मिलेगा। 'वोकल फॉर लोकल' की रणनीति में भी इनका इस्तेमाल होगा। वर्क फोर्स की पड़ेगी जरूरत प्रदेश जिस तरह औद्योगीकरण से लेकर एमएसएमई तक के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, उसमें दक्ष और कार्यकुशल वर्क फोर्स की काफी जरूरत पड़ेगी। फर्नीचर, रेडिमेड गारमेंट, परफ्यूम, कृषि उत्पाद, फूड पैकेजिंग, डेयरी, फूल से जुड़े उत्पाद, खाद और फर्टिलाइजर जैसे तमाम क्षेत्रों में यूपी आत्मनिर्भरता के साथ निर्यातक बनने की राह तलाशना चाहता है।


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