लखनऊ की जांच के लिए अब लोगों को लंबा इंतजार और हजारों खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एसजीपीजीआई के मॉलिक्युलर मेडिसिन विभाग ने आरएनए बेस्ड रैपिड टेस्ट किट इजाद की है। इस किट के जरिए महज 30 मिनट में कोरोना की जांच हो जाएगी। वर्तमान में इस संक्रमण की रिपोर्ट आने में 12 से 24 घंटे लगते हैं। इसकी अनुमानित लागत महज 500 रुपये होगी। व्यावसायिक उपयोग में बड़े पैमाने पर आने पर यह और कम हो सकता है। मॉलिक्युलर मेडिसिन विभाग की हेड प्रो. स्वास्ती तिवारी ने इसे तैयार किया है। उन्होंने बताया कि लैब टेस्ट में यह सफल रही है। अब ह्यूमन टेस्टिंग के लिए एथिक्स कमिटी ने अप्रूवल भी दे दिया है। वहीं, इसके कमर्शल निर्माण के लिए कंपनी का चयन और आईसीएमआर अप्रूवल लिया जाएगा, जिसके बाद यह लोगों को उपलब्ध होगी। इसमें लगभग दो महीने का समय लगेगा। प्रो. स्वास्ती के मुताबिक, इसके जरिए दूसरे राज्यों से आने वालों की हम रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर ही जांच कर सकेंगे। फेल हो चुकी है चीनी किट आईसीएमआर ने 30 मिनट में टेस्ट करने वाली चीनी रैपिड ऐंटी बॉडी टेस्ट किट जांच के लिए मंगवाई थी, लेकिन केजीएमयू की जांच में किट फेल हो गई थी। इसके बाद उसके प्रयोग पर ही रोक लगा दी गई थी। जबकि पीजीआई की किट लैब में पास हो चुकी है। हालांकि निर्माण के बाद अप्रूवल के लिए केजीएमयू में दोबारा टेस्टिंग होगी। इसके बाद ही किट को अप्रूवल मिलेगा। प्रो. स्वास्ती तिवारी ने बताया कि यह पहली किट है जो आरएनए बेस्ड है। इसमें भी मुंह या नाक के स्वैब से ही जांच होगी। डायग्नॉस्टिक लैब में मौजूद सामान्य मशीनों से ही जांच की जा सकेगी।
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