Saturday, May 30, 2020

कोरोना के नाम पर जमकर ऑनलाइन ठगी, यूं बचें

नई दिल्ली लॉकडाउन में साइबर अपराध के मामलों में काफी तेजी आई है। आजकल हैकर्स आम लोगों को अलग-अलग तरीके से कोरोना वायरस का डर दिखाकर ठग रहे हैं। कहीं आप भी तो उनके निशाने पर नहीं हैं। अब भले देश अनलॉक (unlock 1.0) हो चुका है। लेकिन इस बीच भी खुद को इस सब से बचाना जरूरी है। क्या हैं ठगी के नए तरीके
  • कोविड से जुड़ा (डब्ल्यूएचओ, बैंक वगैरह) से ईमेल या फोन करके ठगी करना।
  • इंश्योरेंस एजेंट बनकर प्रीमियम भरने के लिए कहकर ठगी करना।
  • वॉट्सऐप पर लिंक भेजकर मोबाइल हैक करके।
  • बैंक व फोन वॉलेट के कर्मचारी बनकर फोन करना।
  • फोन पर कॉन्टेस्ट और उनमें लाखों जीतने, आकर्षक ऑफर के लालच देकर।
  • कोरोना के नाम पर मदद मांगने के लिए फोन करना।
अगर हो जाएं ठगी के शिकार अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार होते हैं, तो क्या करें? इसका सामान्य सा जवाब तो यह है कि पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएं। लेकिन कई मामलों में पुलिस भी कुछ नहीं कर पाती है। इस बारे में कर्मेश बताते हैं, 'इसके लिए गृहमंत्रालय का पोर्टल है, जो साइबर क्राइम के मामलों का ही निपटारा करता है, तो आप वहां पर शिकायत कर सकते हैं। कई बैंक अकाउंट का भी इंश्योरेंस करते हैं, तो वह भी कराकर रखें।' सुनील बताते हैं, 'अपने बैंक को भी ठगी के बारे में सूचित करना चाहिए।' कोरोना वायरस को बना रहे हैं हथियार पिछले दिनों आई गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन के दौरान ऐसे साइबर अटैक की संख्या बहुत बढ़ गई है, जो आम नागरिकों की सूचनाओं और उनके बैंक खातों पर नजर रखते हैं। लोगों के मन में कोरोना वायरस के खौफ का फायदा कैसे उठाना है, साइबर अपराधियों ने इसका रास्ता निकाल लिया है। वे लॉकडाउन का कोई न कोई बहाना बनाकर लोगों से पैसे ठग रहे हैं। हाल ही में निकिता शेखर की मम्मी के साथ भी ऐसा ही हुआ। निकिता बताती हैं, 'मम्मी का फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था और हैकर ने फेसबुक से कुछ भी पोस्ट नहीं किया, बल्कि सबको मेसेज डाला कि मैं दरभंगा (होमटाउन) आई हूं और लॉकडाउन के चलते एटीएम में पैसे नहीं हैं। तो मुझे 10 हजार रुपयों की जरूरत है। यहां तक कि हैकर ने लोगों से पैसे फोन वॉलेट में डालने के लिए अपना नंबर भी शेयर किया। लेकिन चूंकि मम्मी ने किसी से कभी पैसे नहीं उधार लिए थे, इसलिए सबने फोन करके इस बारे में कन्फर्म करना जरूरी समझा और इस वजह से सबको पता भी लग गया।' इसके अलावा, भी अपराधी लोगों को इमोशनल ब्लैकमेल करके ठगी कर रहे हैं। ये हैं ठगी के नए तरीके इनके अलावा भी साइबर अपराधी कई नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। साइबर सिक्युरिटी फर्म वाइजंगल के सीईओ कर्मेश गुप्ता बताते हैं, 'लॉकडाउन के चलते कई लोगों के फ्लाइट टिकट्स, होटल बुकिंग और रेल टिकट जैसी चीजें रद्द हुई हैं, तो उनके रिफंड का बहाना लेकर साइबर फ्रॉड कॉल करते हैं और पैसा ठग लेते हैं। वहीं वर्क फ्रॉम होम के चलते आजकल ईमेल्स की उपयोगिता बढ़ गई है, तो उस पर भी साइबर क्रिमिनल नजर गड़ाए हुए हैं। कुछ मामलों में तो ऑनलाइन वेबिनार में भी वे घुस जा रहे हैं।' वहीं सोफोस इंडिया और सार्क के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील शर्मा बताते हैं, 'साइबर अटैकर्स वर्तमान में जो मामले चल रहे हैं, उन पर आपको फंसाने की कोशिश करते हैं। इनमें आजकल जो सबसे ज्यादा ट्रेंड में है, उनमें फिशिंग ईमेल शामिल है। यह ईमेल ऐसे होती हैं, जिसे देखकर लगता है कि उन्हें बैंक या किसी सरकारी या निजी संस्था की ओर से भेजा गया है। कई बार एचआर की ओर से ईमेल आती है कि आपका प्रमोशन कर दिया और बढ़ी सैलरी अपडेट करने के लिए अकाउंट नंबर भेजिए या लॉटरी का लालच आता है कि आपकी 1.5 करोड़ की लॉटरी लगी है और अपनी इन्फॉर्मेशन देकर पैसा ले लीजिए। अगर आदमी ईमेल पर क्लिक कर देता है, तो साइबर अपराधियों तक उसका डेटा चला जाता है।' खुद को कैसे बचाएं ठगी से आखिर इन सब ठगी करने वालों से बचा कैसे जाए? इसके जवाब में कर्मेश कहते हैं, 'किसी लालच में न फंसे। अगर आपको किसी बैंक या किसी फोन वॉलेट से फोन आता है, तो उस पर भरोसा न करें, बल्कि खुद बैंक में फोन करके पता करें। फ्री वाई-फाई के चक्कर में न पड़ें और किसी दूसरे के कम्प्यूटर पर लॉगइन करें, तो इनकॉग्निटो मोड पर ही करें। पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का इस्तेमाल करने से भी बचें।' वहीं ठगी से बचने के तरीकों पर सुनील शर्मा बताते हैं, 'जो भी लालच भरे ईमेल आ रहे हैं, उनके एड्रेस (लिंक) को ध्यान से देखिए, वे असली वेबसाइट से अलग जरूर होंगे, भले ही उनमें बहुत छोटा सा अंतर हो। ऐसी वेबसाइट पर बिल्कुल क्लिक नहीं करना है, बल्कि तुरंत उन्हें ब्लॉक करना है। लालच भले करोड़ों का हो, लेकिन यह समझना होगा कि इस दुनिया में कुछ भी फ्री नहीं है।'


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