लखनऊ उत्तर प्रदेश के सरकारी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बच्चों का अंग्रेजी पढ़ने का कौशल बढ़ाया जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसके तहत अंग्रेजी मीडियम वाले सरकारी स्कूलों में इंग्लिश रीडिंग प्रोग्राम () शुरू किया है। बुधवार को इस योजना को लॉन्च किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस योजना से 12 जिलों में 820 प्राथमिक विद्यालयों के 1.25 लाख से ज्यादा बच्चों को लाभ मिलेगा। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश कुमार द्विवेदी ने बुधवार को इस योजना का वर्चुअली उद्घाटन किया। बच्चों की अंग्रेजी पढ़ने के कौशल को बढ़ाने के लिए दुनिया भर के विद्यालयों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने वाले एक एजुकेशनल टूल, स्कॉलिस्टिक शॉर्ट रीड कार्ड () का प्रयोग किया गया है। Scholastic Short Read Card का प्रयोग स्कॉलिस्टिक एक अमेरिकी कंपनी है, जो पिछले 50 वर्षों से बच्चों के लिए किताबों के प्रकाशन के लिए काम करती है। सामान्य तौर पर Scholastic Short Read Card शहरों के नामी स्कूलों में प्रयोग होते हैं। इनमें कई तस्वीरें, काल्पनिक कहानियां, नॉन-फिक्शन शैलियां होती हैं। इसके साथ ही टीचरों के लिए कुछ इंस्ट्रक्शंस भी रहते हैं। इन सबके अलावा कुछ ऐसे कंटेंट भी रहते हैं जिनसे पढ़ने की क्षमता को बेहतर बनाया जा सकता है। 820 स्कूलों में शुरू हुई योजना बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सरवेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि स्कूलों में प्रयोग किए जाने वाले इस सेट के कुछ कार्डो को विशेषज्ञों का एक पैनल फिर से कल्पित करेगा और इसमें प्रान्तीय पहलुओं को जोड़ा जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सभी 820 स्कूलों को स्कॉलिस्टिक कॉर्ड्स को एचसीएल फाउंडेशन समुदाय की तरफ से प्रायोजित किया जा रहा है। यहां होगी अंग्रेजी की पढ़ाई अधिकारियों ने बताया कि यह योजना बुलंदशहर (60 विद्यालय), लखीमपुर खीरी (75), सिद्धार्थ नगर (65), हरदोई (319), सोनभद्र (40), श्रावस्ती (25), चित्रकूट (25), वाराणसी (40), गोरखपुर (95), गौतम बुद्ध नगर (20), लखनऊ (40) और बाराबंकी (16) जिलों में शुरू की गई है। एक तिहाई बच्चों को पढ़ने में आती है परेशानी शिक्षाविदों का मानना है कि इस तरह का कार्यक्रम समय की मांग है। एएसईआर की रिपोर्ट की देखें तो इसमें दिखाया गया था कि उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से 3 तक के लगभग एक तिहाई छात्रों को पढ़ने में परेशानी आती है। जानी-मानी शिक्षाविद अमृता दास ने कहा कि रीडिंग से बच्चों में कई और महत्वपूर्ण कौशल जागृत होते हैं। इनमें भाषा की समझ, रचनात्मकता, गंभीर सोच, भावनाओं को अभिव्यक्त करने की ताकत शामिल है, और इन सभी के साथ दिमाग का भी विकास होता जाता है। होंगे यह फायदे संजय गांधी पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के सेंट्रल फॉर बायोमेडिकल रिसर्च के एक फैकल्टी सदस्य ने दिमाग से संबंधित कई रिसर्च किए हैं। उन्होंने बताया कि भाषा के विकास के लिए रीडिंग बहुत अच्छा माध्यम है। रीडिंग की स्किल से बच्चों में एकाग्रता और यादाश्त बढ़ी है।
from Metro City news in Hindi, Metro City Headlines, मेट्रो सिटी न्यूज https://ift.tt/31v9hab
No comments:
Post a Comment