लखनऊ लखनऊ में होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित तेजी से कोरोनामुक्त हो रहे हैं। अब तक ठीक हुए लोगों में 28 फीसदी ऐसे हैं, जिनके घर में दूसरा कोई सदस्य कोरोना की चपेट में नहीं आया है। ऐसे संक्रमितों और इनके घरवालों ने होम आइसोलेशन के दौरान पूरी सावधानी बरती, जिसका नतीजा रहा है कि जांच में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। बिना लक्षण या कम लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी गई है। ऐसे लोगों को घर पर ही मेडिकल किट दी जाती है। इसके साथ नजदीकी सीएचसी के डॉक्टर रोज इनकी तबीयत का अपडेट लेते हैं। कोविड कंट्रोल ऐंड कमांड सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक पखवाड़े में चार हजार से ज्यादा होम आइसोलेट मरीज ठीक हुए हैं और उनके सभी परिवारीजनों की रिपोर्ट भी निगेटिव है। समय पर खुद को होम आइसोलेट किया बिरहाना निवासी 49 वर्षीय शख्स आढ़त की दुकान पर काम करता था। उनके संपर्क में रहने वाला व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिला तो उन्होंने खुद को होम आइसोलेट कर लिया। पांच दिन बाद पूरे परिवार का कोविड टेस्ट हुआ तो वह शख्स संक्रमित मिला, लेकिन सावधानी बरतने से परिवार के दूसरे सदस्य संक्रमण की चपेट में नहीं आए। 32 लोगों के परिवार में भी इन्फेक्शन नहीं फैलाआलमबाग निवासी एक व्यवसायी को बुखार आया तो परिवारीजनों ने उन्हें घर में आइसोलेट कर दिया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर 32 लोगों के परिवार में हर शख्स ने पूरी सावधानी बरती। साफ-सफाई और नियमित सैनिटाइजेशन की बदौलत कोई संक्रमण की चपेट में नहीं आई और कुछ दिन में व्यवसायी भी कोरोनामुक्त हो गए। खुद परिवार को बताईं सावधानियां गोमतीनगर में एक रिटायर्ड अफसर ने कोरोना संक्रमित होने पर खुद को आइसोलेट कर लिया। परिवार के बाकी तीन सदस्यों को वह खुद सावधानियों के बारे में बताते रहे। डॉक्टरों की सलाह पर दवाएं लीं। पूरे परिवार ने खाने-पीने और संक्रमण से बचने का ध्यान रखा। दस दिन बाद जांच में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। होम आइसोलेशन में इन बातों का रखा खयाल मरीज का हमेशा उत्साहवर्धन किया और सोच सकारात्मक रखने का प्रयास किया। घर के सभी सदस्य हर वक्त थ्री लेयर का मास्क लगाए रहे और ग्लव्ज पहने रहे। रोज संपर्क में आने वाली वस्तुओं को सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल से धुलते-पोंछते रहे। संक्रमित को अलग कमरे में रखा गया और बात करते वक्त छह फुट की दूरी रखी। संतुलित भोजन किया। विटामिन सी युक्त फल, हल्दी वाला दूध, काढ़ा और मौसमी फल और सब्जियां लीं। पूरे परिवार ने मरीज के साथ आइसोलेशन के दौरान गुनगुना पानी पीया। मरीज का रोज कम से कम दो बार ऑक्सिजन लेवल चेक किया और चार बार तापमान मापा। बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह लेने के साथ सिर्फ जरूरी दवाएं ली।
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