लखनऊ लॉकडाउन के बीच में ही शराब की दुकानें खोलने का फैसला के लिए फायदेमंद रहा। राजस्व यूपी सरकार के खजाने में आबकारी राजस्व के रूप में इस वित्तीय वर्ष के शुरुआती तीन महीनों में 4978.75 करोड़ रुपये जमा हुए। हालांकि तय लक्ष्य के मुताबिक, इन तीन महीनों में 10600 करोड़ रुपये का राजस्व जमा होना था। लेकिन कोरोना महामारी के चलते यह लक्ष्य पूरा न हो सका। बंदी के चलते जमा राजस्व तय लक्ष्य से 53.90 फीसदी कम रहा। बंदी के बाद शुरू हुई बिक्री से शराब कारोबारी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा, तो शराब कारोबार जल्द ही अपनी पटरी पर लौट आएगा। यूपी लिकर सेलर वेलफेयर असोसिएशन के महामंत्री कन्हैयालाल मौर्य का कहना है कि जिस हिसाब से शराब की बिक्री शुरू हुई है, उससे विक्रेताओं का उत्साह बढ़ा है। उम्मीद है कि आगे के दिनों में हम शुरुआती महीनों में हुए घाटे को भी पूरा कर लेंगे। सरकार ने 2020-21 में 37,500 करोड़ रुपये आबकारी राजस्व के रूप में वसूली का लक्ष्य तय किया है। इसे पूरा करने के लिए सरकार ने महीनेवार वसूली का लक्ष्य भी तय किया है। धीरे-धीरे बढ़ने लगी राजस्व वसूली पिछले वित्तीय वर्ष में इन तीन महीनों में 7483.34 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा हुए थे। इस हिसाब से पिछले सत्र के सापेक्ष इस साल 33.47 फीसदी आबकारी राजस्व कम जमा हुआ। इस वित्तीय वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के चलते शराब की बिक्री पर बैन के कारण सिर्फ 53.46 करोड़ रुपये मिले थे। 11 मई से इस आबकारी वर्ष की बिक्री शुरू हुई थी। मई के 20 दिनों में हुई शराब की बिक्री से सरकार को 2169.25 करोड़ का राजस्व मिला, जो तय लक्ष्य से 41.05 फीसदी और जून में 2756.64 करोड़ का राजस्व मिला, जो तय लक्ष्य से 22.58 फीसदी कम है। लगातार बढ़ रहा है आबकारी राजस्व माह वित्तीय वर्ष 2019-20 वित्तीय वर्ष 2020-21अप्रैल 2794.06 करोड़ 53.46 करोड़ मई 2566.68 करोड़ 2169.25 करोड़ जून 2122.6 करोड़ 2756.04 करोड़
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