लखनऊ उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन कब खुलेगा? क्या प्रदेश में तीन मई के बाद भी लॉकडाउन खत्म नहीं होगा? जैसे-जैसे तीन मई करीब आ रही है लोगों के मन में ऐसे कई सवाल उभर रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आगे की प्लानिंग पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करने वाले हैं। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ढील और राहत के तौर पर पीएम मोदी से क्या मांग कर सकती है, एक नजर संभावनाओं पर: लॉकडाउन के दौर से निकलने पर चर्चा पीएम के साथ इस बात पर खास तौर से चर्चा होगी कि लॉकडाउन के दौर से कैसे बाहर निकला जाए। ज्यादातर राज्यों की तरह यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी फिलहाल बंदिशें जारी रखने के पक्ष में हैं। कोरोना हॉटस्पॉट के अलावा जिन इलाकों में एक भी कोरोना पॉजिटिव मामले होंगे, वहां सख्ती जारी रहेगी। सीएम योगी के साथ कोर टीम की बैठक में कुछ अधिकारियों ने सलाह दी है कि अभी हालत बहुत अच्छी नहीं है। लिहाजा थोड़ी भी छूट दी गई तो हालात काबू से बाहर जा सकते हैं। योगी सरकार ने इशारा किया है कि जब तक किसी भी जिले में संक्रमण रहेगा लॉकडाउन खोलना चुनौती होगा। ऐसी संभावना है कि 3 मई के बाद की कार्ययोजना के लिए केंद्र अडवाइजरी जारी करेगा और राज्य उसे अपने हिसाब से लागू करेंगे। पढ़ें: योगी मांगेंगे मजदूरों के लिए राहत पैकेज! यूपी में एक बड़ी संख्या प्रवासी मजदूरों की है, जो दूसरे राज्यों में काम और रोजी-रोटी की तलाश में गए थे। लेकिन कोरोना संकट के बाद बहुत से मजदूर प्रदेश वापस लौट आए हैं। इसके साथ ही 8 से 9 लाख मजदूरों को 3 मई के बाद चरणबद्ध तरीके से प्रदेश लाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा की थी। मनरेगा में दैनिक मजदूरी 182 से बढ़ाकर 200 रुपये हुई है। लेकिन यूपी जैसे राज्य में मजदूरों और कामगारों की बड़ी तादाद को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं माना जा रहा है। ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ दूसरे राज्यों के मजदूरों को घर भेजने का इंतजाम करने और रोजगार के लिए स्पेशल पैकेज की मांग कर सकते हैं। पढ़ें: रोजगार सृजन के लिए मदद यूपी सरकार ने तय किया है कि जो लोग काम के सिलसिले में दूसरे राज्यों में गए थे, उन्हें अब यहीं पर रोजगार दिया जाएगा। योगी सरकार के लिए तकरीबन 15 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी से सीएम योगी रोजगार सृजन को लेकर मदद मांग सकते हैं। पढ़ें: पीपीई किट की डिमांड कोरोना से जंग में पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (PPE) किट्स काफी अहम हैं। टीम-11 के साथ बैठक में सीएम योगी ने कहा था कि स्वास्थ्यकर्मियों को खतरे में नहीं डाला जा सकता। प्रदेश में पीपीई किट्स की कमी की कई खबरें सामने आती रही हैं। यूपी आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां तकरीबन 23 करोड़ की जनसंख्या निवास करती है। कोरोना संक्रमण के लिहाज से यूपी काफी संवेदनशील है। संक्रमण से निपटने के लिए डॉक्टरों और मेडिकल टीम को बड़ी मात्रा में पीपीई किट्स की जरूरत है। सीएम योगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पीएम से पीपीई किट्स की डिमांड रख सकते हैं।
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