Thursday, April 30, 2020

लॉकडाउन के 1.5 महीने बाद यूपी सुरक्षित: योगी

प्रवीण कुमार, लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (CM Yogi Adityanath) का कहना है कि प्रदेश सरकार के रेड जोन (Red Zone) और ऑरेंज जोन (Orange Zone) के लिए विस्तृत प्लान बना रही है। सीएम योगी के मुताबिक, कोरोना की चेन तोड़ने के लिए इन्फेक्शन रोकना जरूरी है, तभी हम आगे बढ़ सकते हैं। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए प्रवीण कुमार को दिए इंटरव्यू में सीएम योगी ने यह भी माना कि अगले चरण में प्रवासियों (Migrant workers) को संभालना, उनकी टेस्टिंग (Covid-19 Test) करना और धीरे-धीरे काम-धंधे को पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती है। सवाल: लॉकडाउन के डेढ़ महीने और कोरोना के लगभग 2150 मामले सामने आने के बाद यूपी की हालत क्या है? क्या यहां कोरोना पीक पर पहुंच गया है या पहुंचने वाला है? जवाब: फिलहाल प्रदेश में कोरोना के 1600 ऐक्टिव केस हैं। डेढ़ महीने तक लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के बाद हम कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश सुरक्षित है। प्रदेश में पहला केस आने के साथ ही हमने काम शुरू कर दिया था। 22 मार्च को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया तो यूपी के 16-17 जिले पहले से ही लॉकडाउन में थे। इतने बड़े और ज्यादा जनसंख्या वाले प्रदेश में अभूतपूर्व कदम उठाने पड़े। दूसरी बात कि हमें दिहाड़ी मजदूरों के लिए काम करना था क्योंकि लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर उन्हीं पर पड़ेगा। अब मैं कह सकता हूं कि मेरी टीम ने शानदार काम किया। यह टीम वर्क का ही काम है कि यूपी अब सुरक्षित है। अगले चरण में चुनौती यह है कि बंद पड़ी चीजों को कैसे खोला जाए और प्रदेश में आने वाले प्रवासियों को कैसे संभाला जाए। सवाल: यूपी में लगभग 10 लाख प्रवासी आ सकते हैं, उसके लिए आपकी क्या योजना है? क्या आपको लगता है कि वे यहीं रुक जाएंगे या स्थिति सुधरने पर वे फिर लौट जाएंगे? जवाब: यह हमारे लिए एक मौका है। मैंने अपने मंत्रियों और अधिकारियों से चर्चा की है। हम मान रहे हैं कि जो कामगार लौटकर आ रहे हैं, उनके पास कोई ना कोई कौशल जरूर है। हम उनका इस्तेमाल उत्तर प्रदेश में कर सकते हैं। मैंने इसपर काम करने के लिए कैबिनेट और अधिकारियों के स्तर पर समिति भी बना दी है। सवाल: जैसा कि आपने 15 लाख नौकिरयां देने का वादा क्या है, क्या है वास्तविकता में संभव है? जवाब: हमारे पास MSME की 90 लाख यूनिट्स हैं। हॉटस्पॉट को छोड़कर वे या तो चल रही हैं या जल्द ही शुरू हो जाएंगी। ज्यादातर कामगार वहीं काम कर सकते हैं। कुछ कामगार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट के तहत भी काम पा सकेंगे। एनजीओ सेक्टर काफी बड़ा है। हमने मनरेगा में पहले ही 8 लाख नौकरियां दी हैं। ऐसे में 15 लाख नौकरियां बड़ी समस्या नहीं हैं। हम इस स्थिति में हैं कि हम ऐसा कर सकते हैं। जब तक उन्हें काम नहीं मिलता, तब तक के लिए हमने उन्हें खाना देने का इंतजाम किया है। सवाल: क्या उन्हें लाने से पहले स्क्रीनिंग और टेस्ट किया जाएगा? क्या हमारे पास इतनी टेस्ट किट हैं? जवाब: लोगों को वापस लाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हम इन्फेक्शन ना ले आएं। ऐसे में जिनके अंदर भी लक्षण दिखेंगे, उन्हें 14 दिन क्वारंटीन किया जाएगा। पॉजिटिव मिलने वाले लोगों को अस्पताल भेजा जाएगा। हमारे पास L1, L2 और L3 कैटिगरी को मिलाकर 52,000 बेड्स मौजूद हैं। सवाल: ग्रीन जोन्स में कुछ छूट मिल रही है। लेकिन नोएडा और गाजियाबाद के बड़े उद्योग-धंधे वाले इलाके अभी भी रेड जोन में हैं। क्या राज्य सरकार के पास ऐसी कोई रणनीति है कि रेड जोन वाले इलाकों को भी खोला जाए? जवाब: हम कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। हम रेड और ऑरेंज जोन के लिए भी व्यापक प्लान पर काम कर रहे हैं। पहला काम है कि जोन की सही पहचान हो। हम चरणबद्ध छूट देंगे। सवाल: हॉटस्पॉट्स के लिए क्या रणनीति होने वाली है? क्या इसे अब सीलिंग से टेस्टिंग और स्क्रीनिंग की ओर ले जाया जाएगा? जवाब: बिलकुल, आगे का रास्ता टेस्टिंग और स्क्रीनिंग से होकर ही गुजरता है। जब यह समस्या शुरू हुई तो हमारे पास सिर्फ एक लैब थी, जिसमें हरदिन 50 सैंपल टेस्ट करने की क्षमता थी। अब हमारे पास 17 लैब्स हैं, जिनमें प्रतिदिन 500 टेस्ट हो रहे हैं। हम पहले ऐसे राज्य थे, जहां पूल टेस्टिंग शुरू की गई। सवाल: कोरोना के खिलाफ इस जंग में आपके लिए सबसे मुश्किल वक्त क्या था? जवाब: चुनौतियों का सामना करना अब हमारी आदत बन गई है। इसलिए ऐसा कुछ कठिन नहीं है। ऐसा इसलिए भी है कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में काम करते हैं। कई बाद भावुकता भरा तनाव हो जाता है। हमें उस वक्त काफी दुख हुआ, जब 28-29 मार्च को दिल्ली से लाखों मजूदर अचानक अपने घर जाने के लिए पैदल चल पड़े। यह काफी मुश्किल भरा वक्त थे। इन लोगों को घर पहुंचाने का इंतजाम करना एक बड़ी चुनौती थी। ईश्वर की कृपा से हम यह काम पूरा कर सके। अब नोएडा और यूपी सुरक्षित है। सवाल: शुरुआत में आगरा मॉडल की काफी तारीफ हुई लेकिन वहां केस लगातार बढ़ रहे हैं। जवाब: आगरा में अब हालात काबू में हैं। तीन अस्पतालों के कारण वहां स्थिति बिगड़ गई। इसलिए हमने स्पष्ट कर दिया है कि जो अस्पताल कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर सकते हैं, वही इमर्जेंसी सेवाएं चालू रखें। जनरल ओपीडी अभी भी चालू नहीं है। हमने अस्पतालों को कहा है कि वे टेलीमेडिसिन की सेवा जारी रखें। कई जिलों में यह सेवा काम कर रही है। सभी जिलों में अस्पतालों को पीपीई किट और मास्क दिए गए हैं। इन्फेक्शन रोकने के बाद हम आगे बढ़ सकेंगे। सवाल: कई बीजेपी विधायकों ने बयान दिया है कि मुस्लिमों से सब्जियां ना खरीदें। जवाब: लोकतंत्र में बयानबाजी उलझन पैदा नहीं करती है। मेरा सुझाव है कि ऐसे बयान देने से हर किसी को खूब सोच-समझकर और तथ्यों को ध्यान में रख लेना चाहिए। सवाल: क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है? जवाब: पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया है। मुझे लगता है कि बिना तथ्य जाने बयान देने वाला शख्स हंसी का पात्र बन जाता है। सवाल: राम मंदिर निर्माण को लेकर नई टाइमलाइन क्या है? जवाब: इसके बारे में श्रीराम जन्मभूमि निर्माण क्षेत्र ट्रस्ट विस्तृत योजना बना रहा है।


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