मुंबई यस बैंक घोटाले के आरोपी और डीएचएफएल के प्रवर्तक वधावन बंधुओं को लॉकडाउन के दौरान खंडाला से महाबलेश्वर तक यात्रा करने का जो पत्र आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता ने दिया था, वह उन्होंने मानवता के आधार पर दिया था। गृह मंत्री अनिल देशमुख के मुताबिक यह बात जांच समिति के सामने खुद अमिताभ गुप्ता ने स्वीकार की है। राज्य के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता ने जांच समिति को बताया कि उपरोक्त पत्र देने के लिए उन पर किसी का दबाव नहीं था और उन्होंने स्वयं मानवता के आधार पर वधावन बंधुओं को यह पत्र दिया था। देशमुख में बताया कि अमिताभ गुप्ता ने यह स्वीकार किया है कि कपिल और धीरज वधावन उनके पारिवारिक मित्र हैं और उन्होंने पारिवारिक इमर्जेंसी की बात कहकर उनसे यह पत्र लिया था। राज्य सरकार ने छुट्टी पर भेजा बता दें कि राज्य के गृह मंत्रालय में प्रधान सचिव विशेष के पद पर तैनात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता वधावन परिवार को यह पत्र देने के बाद विवाद में आ गए थे और राज्य सरकार ने उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया। साथ ही, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक को पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा सौंपा था। महाबलेश्वर जाते वक्त रोका गया वधावन परिवार सूत्रों के मुताबिक अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक ने अमिताभ गुप्ता की जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है। गृहमंत्री जल्द ही इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे। आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता के पत्र पर लॉक डाउन के दौरान खंडाला से महाबलेश्वर की यात्रा करते हुए जब वधावन परिवार को पकड़ा गया और उनके पास से आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता का दिया अनुमति-पत्र बरामद किया गया, तब इस मामले में जमकर राजनीति हुई थी। सरकार और विपक्ष दोनों का यह आरोप था कि आर्थिक मामलों के आरोपी वधावन परिवार को राजनीतिक दबाव के चलते यात्रा करने की अनुमति दी गई थी।
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