Saturday, October 26, 2019

ग्रीन पटाखे क्या हैं, कहां से खरीदें, क्या कीमत, जानें

नई दिल्ली इस दिवाली पटाखों का शोर राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में कुछ कम सुनाई पड़ रहा है। इसकी वजह है सुप्रीम कोर्ट का वह ऑर्डर जिसमें यहां सिर्फ फोड़ने की इजाजत दी गई थी। दिवाली के बाद हर साल दिल्ली में बहुत ज्यादा प्रदूषण बढ़ जाता है। इसी के मद्देनजर पिछले साल से दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल का निर्णय लिया गया। लेकिन ये ग्रीन पटाखे आखिर क्या हैं और इन्हें कहां से खरीदा जा सकता है? इसके बारे में यहां जानिए बाजार में सिर्फ फुलझड़ी और अनार अगर आप ग्रीन पटाखों में वरायटी का ख्वाब संजोकर बैठे हैं तो वह भी टूटने वाला है। दरअसल, मार्केट में ग्रीन पटाखों के नाम पर सिर्फ दो तरह के पटाखे मिल रहे हैं। इसमें फुलझड़ी और अनार शामिल हैं। पढ़ें: पटाखे चलाते समय आपको ग्रीन पटाखे वाले डिब्बे साथ रखने होंगे। इन डिब्बों पर लगी मोहर से पुलिस को पता चलेगा कि यह पटाखे ग्रीन हैं या नहीं। इसके अलावा जले पटाखों के सैंपल लिए जाएंगे। हालांकि ऐसे मामलों में तुरंत बेल हो जाती है, लिहाजा जेल जाने की नौबत नहीं होती। दिल्ली में कहां मिल रहे ग्रीन पटाखे दिल्ली में जरूरत के हिसाब से महज 5 से 10 प्रतिशत ही ग्रीन पटाखे उपलब्ध हैं। ये पटाखे तमिलनाडु के शिवकाशी में बन रहे हैं। लेकिन कच्चे माल की सप्लाइ काफी कम है। इस वजह से ग्रीन पटाखे में कम बन पा रहे हैं। राजस्थान में भी ग्रीन पटाखे बनाए जा रहे हैं, बावजूद इसके सप्लाइ और मांग में भारी अंतर है। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में कुल 20 से 22 दुकानवालों को ग्रीन पटाखे बेचने का लाइसेंस मिला है। ये दुकानें सदर बाजार और चांदनी चौक के दरीबां कलां में हैं। इसके अलावा यमुनापार में दुर्गापुरी, झील और शाहदरा में ग्रीन पटाखे मिल रहे हैं। इनकी कीमत सामान्य पटाखों से 50 से 100 प्रतिशत तक ज्यादा है।
पटाखा ग्रीन पटाखा सामान्य पटाखा
फुलझड़ी 350-400 रुपये 200-250 रुपये
अनार 400-450 रुपये 250-300 रुपये
सिर्फ 30 से 35 प्रतिशत कम प्रदूषण अगर आपको लगता है कि ग्रीन पटाखों से पर्यावरण को बिल्कुल नुकसान नहीं होता तो यह सोचना गलत है। पर्यावरणविद् मानते हैं कि ग्रीन पटाखे प्रदूषण रोकने का कोई स्थाई समाधान नहीं हैं। बाजार में सप्लाई बढ़ने पर इनसे भी प्रदूषण होगा। ये महज 30 से 35 प्रतिशत प्रदूषण ही कम करते हैं। इनका इस्तेमाल प्रदूषण कम करने का कोई स्थाई समाधान नहीं है सकते। क्या हैं ग्रीन पटाखे ग्रीन पटाखों में बेरियम नाइट्रेट का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इसके अलावा एल्युमिनियम की मात्रा भी काफी कम रखी हुई है। राख का इस्तेमाल इनमें नहीं किया गया है। जिसकी वजह से इन पटाखों को छोड़ने से पीएम 2.5 और पीए 10 की मात्रा में 30 से 35 पर्सेंट की गिरावट आने का दावा किया जा रहा है। कई केमिकल का इस्तेमाल न होने की वजह से ग्रीन पटाखे केवल सिर्फ सफेद और पीली रोशनी ही देंगे। साथ ही लोगों को यह बताना बहुत जरूरी है कि इनसे भी 70 पर्सेंट तक प्रदूषण होता है। वहीं, ऐसे मामले भी पकड़े गए हैं, जहां ग्रीन पटाखों की पैकिंग में सामान्य पटाखे निकले हैं। इनके पैकेट में सामान्य पटाखे भर कर बेचा जा रहा है।


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