अखिलेश सिंह/भाविका जैन, नई दिल्ली/मुंबई गुरुवार या शुक्रवार को अपने दूसरे कार्यकाल के रूप में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। को उम्मीद है कि आधे-आधे मंत्रीपद और बारी-बारी से दोनों दलों के मुख्यमंत्री बनाने की अपनी जिद छोड़ देगी। बीजेपी सूत्रों ने उम्मीद जताई है कि अंतत: शिवसेना सरकार में शामिल हो ही जाएगी, हालांकि फिलहाल दोनों के बीच चलने वाली जुबानी जंग के थमने के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता फिलहाल भावनाओं के शांत होने तक इंतजार करने के पक्ष में दिख रहे हैं, उन्हें भरोसा है कि सीटों की संख्या के आधार पर ही सत्ता की साझेदारी पर समझौता हो जाएगा। एक बीजेपी नेता ने बताया, 'फडणवीस 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं, हमें उम्मीद है शिवसेना सरकार में शामिल हो जाएगी।' पढ़ें: 50-50 जैसे किसी फॉर्म्युले पर कभी सहमति नहीं: फडणवीस मंगलवार को फडणवीस ने कहा था, 'मैं भरोसा दिलाता हूं कि बीजेपी की अगुआई वाली सरकार ही बनेगी। मैं और पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा।' फडणवीस ने इससे इनकार किया था दोनों दलों के बीच 50-50 जैसे किसी फॉर्म्युले पर कभी सहमति बनी थी। उद्धव ठाकरे का दावा है कि इस साल लोकसभा चुनाव से पहले 50-50 फॉर्म्युले के तहत दोनों दलों से ढाई-ढाई साल तक सीएम को लेकर खुद उनके, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और फडणवीस के बीच 'सहमति' बनी थी। ढाई-ढाई साल तक दोनों दलों के मुख्यमंत्री के फॉर्म्युले को सीएम फडणवीस के खारिज करने के बाद शिवसेना ने सरकार गठन को लेकर दोनों दलों के बीच मंगलवार दोपहर 4 बजे होने वाली बैठक को रद्द कर दिया था। पढ़ें: की टिप्पणियों से नाराज हैं देवेंद्र फडणवीस देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के मुखपत्र सामना के बार-बार बीजपी पर हमले करने पर नाराजगी जताई थी। फडणवीस ने कहा था कि सामना बातचीत को पटरी से उतारने का प्रयास कर रहा है। सामना के कार्यकारी संपादक और शिवसेना एमपी संजय राउत ने राउत ने बीजेपी पर तीखा तंज कसते हुए कहा था, 'यहां कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं। यहां हम हैं जो धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं।' पढ़ें: सरकार बनाने का प्रस्ताव रख सकते हैं इस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना को बुधवार को होने वाली महाराष्ट्र विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया है। इसमें फडणवीस को विधायक दल का नेता चुना जाना है। यह भी कहा जा रहा है कि वह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सामने सरकार बनाने का प्रस्ताव रख सकते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि शिवसेना को यह भी पता है कि बीजेपी उनकी आधे-आधे मंत्रीपद और बारी-बारी से दोनों दलों के मुख्यमंत्री बनाने की शर्त पर राजी नहीं होगी।
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