लखनऊ में बच्चों को यूनिट के तौर पर शामिल करने की जल्द ही उम्र की सीमा तय होगी। परिवार में अगर बहू आ रही है तो उसका नाम बिना भौतिक सत्यापन आधार नंबर या फिर मैरिज सर्टिफिकेट के आधार पर जोड़ा जाएगा। इन दोनों मामलों में जल्द ही फैसला होगा। सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार ने बताया कि दोनों ही मामलों का अध्ययन किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय इन दोनों को राशन कार्ड में शामिल करने की पूरी व्यवस्था को डिजिटाइज्ड करने की दिशा में काम कर रहा है। ऐसा होने पर सप्लाई इंस्पेक्टर से लेकर ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम पंचायत अधिकारी के स्तर से सत्यापन करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने बताया कि राशन कार्ड में दो ही सूरतों में लोग नाम बढ़वाने के लिए आवेदन करते हैं। पहला या तो किसी नवजात का जन्म हुआ या फिर परिवार में किसी का विवाह होने पर बहू घर आई हो। राशन कार्ड में किस उम्र के बच्चे का नाम दर्ज हो सकता है इसकी कोई उम्र निर्धारित नहीं है। विचार किया जा रहा है कि राशन कार्ड में दो साल की उम्र पूरी करने वाले बच्चों का नाम बतौर यूनिट राशन कार्ड में दर्ज किया जाए। जल्द ही उम्र निर्धारण का फैसला लिया जाएगा। अगर परिवार कोई बहू आती है तो परिवारीजन खुद ऑनलाइन आवेदन में यह बता दें कि उसका नाम विवाह से पहले वाली जगह के राशन कार्ड संख्या पर दर्ज था उस जगह से नाम काटकर संबंधित परिवार की मुखिया के यूनिटों में शामिल कर लिया जाए। इसमें बहू का आधार नंबर या मैरिज सर्टिफिकेट का सीरियल नंबर भी दिया जा सकेगा। यह प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी। ताकि भौतिक सत्यापन से उन्हें निजात मिल सके। उन्होंने बताया कि इन दोनों मामलों को लेकर अध्ययन किया जा चुका है। इस साल के अंत तक बच्चों की उम्र तय करने के साथ ही राशन कार्ड में (परिवार के नए सदस्य) का नाम जोड़ने को लेकर शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।
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