मुंबई महाराष्ट्र चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद से ही शिवसेना और बीजेपी के बीच सत्ता और सीएम पद के लिए खींचतान जारी है। शिवसेना द्वारा बीजेपी से ढाई साल के लिए सीएम पद की मांग किए जाने के बाद विदर्भ के एक छोटे राजनीतिक दल के 2 विधायकों ने भी उद्धव ठाकरे को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही सत्ता में बराबरी का हक मांग रही शिवसेना का पलड़ा और भारी हो गया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अचलपुर के विधायक बाचचु काडु और मेलघाट से विधायक राजकुमार पटेल ने समर्थन की पेशकश की है। काडु प्रहर जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं। पहचान गुप्त रखने की शर्त पर शिवसेना के एक नेता ने बताया कि काडु के समर्थन से शिवसेना के मोल-भाव की ताकत बढ़ गई है। हमने 2014-19 में बीजेपी के साथ समझौता किया था, अब अपना हक पाने का वक्त आ गया है। अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही बीजेपीबता दें कि शिवसेना ने बीजेपी से 50-50 फॉर्म्युले पर अमल करते हुए 2.5 साल के लिए सीएम पद को लेकर लिखकर देने को कहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी अब उसके बगैर ही सरकार गठन के विकल्पों पर भी विचार कर रही है। पढ़ें: अल्पमत की सरकार बना सकते हैं फडणवीस बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने और 105 सीटें हासिल करने के बाद भी हमारे लिए इस तरह से शिवसेना की मांग को मानना मुश्किल होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि शिवसेना बीजेपी के सीएम को लेकर राजी नहीं होती है तो फिर देवेंद्र फडणवीस अल्पमत की सरकार का गठन कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने 2014 में किया था। भले ही तब उन्होंने अल्पमत की सरकार का गठन किया था, लेकिन शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने उन्हें बिना शर्त समर्थन दे दिया था। बुधवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक चुनाव से पहले से ही सीएम पद अपने पास रखने की बात करती आई बीजेपी ने कहा कि बुधवार को वह अपने विधायक दल के नेता का चुनाव करेगी। इसके बाद सरकार गठन के लिए दावा पेश किया जाएगा, भले ही शिवसेना साथ आए या फिर नहीं। शनिवार को पार्टी के नए चुने 56 विधायकों संग मीटिंग के बाद उद्धव ठाकरे ने मीडिया से कहा था कि वह बीजेपी से 50-50 फॉर्म्युले पर लिखित आश्वासन चाहते हैं। इसमें कैबिनेट पोर्टफोलियो का एक समान बंटवारा भी शामिल है।
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