Thursday, September 26, 2019

शरद पवार की ED में पेशी, मुंबई के 7 थाना क्षेत्रों में धारा 144

मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को एनसीपी प्रमुख के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर जाने के तय कार्यक्रम के मद्देनजर बलार्ड पियर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर और दक्षिण मुंबई के अन्य क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार रात कहा कि संभावित विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए, कार्यालय के बाहर धारा 144 लगाई गई। वहीं, के ट्विटर हैंडल पर उन थाना क्षेत्रों की जानकारी दी गई जहां आज निषेधाज्ञा लागू रहेगी। निषेधाज्ञा के मद्देनजर मुंबईवासियों को इन इलाकों में जाने से परहेज करना चाहिए। इन थाना क्षेत्रों में धारा 144 पुलिस ने बताया कि मुंबई के सात थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू रहेगी। ट्वीट में कहा गया है, 'डियर मुंबईकर्स! कृपया ध्यान में रखें कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत इन इलाकों में निषेधाज्ञा लागू है। 1. कोलाबा थाना, 2. कफे परेड थाना, 3. मरीन ड्राइव थाना, 4. आजाद मैदान थाना, 5. डोंगरी थाना, 6. जेजे मार्ग थान, 7. एमआरए थाना।' शरद पावर की कार्यकर्ताओं से अपील राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि बैंक घोटाला मामले में वह शुक्रवार को ईडी के सामने पेश होंगे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से ईडी ऑफिस के पास नहीं जुटने की अपील की। उन्होंने एनसीपी कार्यकर्ताओं कहा कि वो सुनिश्चित करें कि लोगों को कोई असुविधा न हो। पवार ने बुधवार को कहा था कि वह महाराष्ट्र राज्य सहकारी (एमएससी) बैंक घोटाले के संबंध में अपने खिलाफ दर्ज धनशोधन के मामले में जांच एजेंसी के सामने पेश होंगे। हालांकि, ईडी ने मामले में पवार या किसी अन्य को अब तक तलब नहीं किया है। पढ़ें: पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग की जांच धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के अंतर्गत दर्ज शिकायत के तहत ईडी उन आरोपों की जांच कर रही है कि एमएससीबी के शीर्ष अधिकारी, अध्यक्ष, एमडी, निदेशक, सीईओ और प्रबंधकीय कर्मचारी तथा सहकारी चीनी फैक्टरी के पदाधिकारियों को अनुचित तरीके से कर्ज दिए गए। एजेंसी ने कर्ज देने और अन्य प्रक्रिया में कथित अनियमितता की जांच के लिए पवार, उनके भतीजे और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार तथा करीब 70 अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। FIR में सहकारी बैंक के 70 पूर्व अधिकारियों के नाम ईडी का मामला मुंबई पुलिस की प्राथमिकी पर आधारित है जिसमें बैंक के निदेशकों, राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों के नाम हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार का नाम ईडी की शिकायत में पुलिस एफआईआर के आधार पर शामिल किया गया है। यह मामला ऐसे समय दर्ज किया गया, जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राज्य में एक चरण में 21 अक्टूबर को विधानसभा की सभी 288 सीटों पर मतदान होगा। क्या है धारा-144 और कब लगाई जाती है? सीआरपीसी की धारा 144 शांति कायम करने के लिए उस स्थिति में लगाई जाती है जब किसी तरह के सुरक्षा संबंधित खतरे या दंगे की आशंका हो। धारा 144 जहां लगती है, उस इलाके में पांच या उससे ज्यादा आदमी एक साथ जमा नहीं हो सकते हैं। धारा लागू करने के लिए इलाके के जिलाधिकारी द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। धारा 144 लागू होने के बाद इंटरनेट सेवाओं को भी आम पहुंच से ठप किया जा सकता है। यह धारा लागू होने के बाद उस इलाके में हथियारों के ले जाने पर भी पाबंदी होती है। सजा का प्रावधान गैर कानूनी तरीके से जमा होने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ दंगे में शामिल होने के लिए मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके लिए अधिकतम तीन साल कैद की सजा हो सकती है।


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