नई दिल्ली आमतौर पर जब कोई शख्स ट्रेन की चपेट में आता है, तो उसके बाद भी ट्रेन चला रहा ड्राइवर गाड़ी रोकता नहीं है, लेकिन सोमवार की शाम को दिल्ली में कुछ अलग हुआ। शताब्दी ट्रेन से एक शख्स के टकराने के बाद ड्राइवर और गार्ड ने न सिर्फ गाड़ी रोकी, बल्कि घायल को ट्रेन में बैठाकर अगले स्टेशन तक पहुंचाया और उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम भी कराया। रेलवे के अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों के इस मानवीय कार्य की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कृत करने की बात कही है। जानकारी के मुताबिक, घटना सोमवार शाम सवा 5 से 6 बजे के बीच बादली और होलंबी कलां स्टेशनों के बीच की है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शाम सवा 5 बजे के करीब कालका शताब्दी एक्सप्रेस रवाना हुई थी। शाम 5:50 बजे के करीब जब ट्रेन बादली रेलवे स्टेशन को क्रॉस करते हुए अंबाला की ओर जा रही थी, उसी दौरान जल्दबाजी में पैदल रेलवे लाइन क्रॉस कर रहा एक शख्स ट्रेन की चपेट में आ गया। उस वक्त ट्रेन की रफ्तार 110 किमी प्रति घंटा थी। ड्राइवर और गार्ड ने किया मदद का फैसला ट्रेन के ड्राइवर रामकिशन मीणा और गार्ड अनूप कुमार ने देखा कि ट्रेन से टकराया शख्स बुरी तरह घायल होकर ट्रैक के किनारे गिरा पड़ा हुआ है, तो उन्होंने उसकी मदद करने का फैसला किया। रामकिशन ने तुरंत ट्रेन रोक दी, जिसके बाद गार्ड तुरंत कूदकर बाहर निकले और वहां मौजूद अन्य लोगों की मदद से घायल शख्स को ट्रेन में चढ़ाया। घायल को ऐम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया कुछ देर बाद शाम सवा 6 बजे के करीब ट्रेन नरेला रेलवे स्टेशन पहुंची। उससे पहले ही स्टेशन मास्टर राजबीर और आरपीएफ को भी अलर्ट कर दिया गया था। नरेला स्टेशन पर घायल शख्स को ट्रेन से उतारा गया और ऐम्बुलेंस बुलाई गई। शाम 6:28 बजे ऐम्बुलेंस भी रेलवे स्टेशन पहुंच गई, जिसके जरिए घायल शख्स को राजा हरिश्चंद्र अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि तब तक घायल हुए शख्स की पहचान नहीं हो पाई थी, मगर इस घटना में उसके दोनों पैर कट गए थे। नॉर्दर्न रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार का कहना है कि गार्ड और ड्राइवर ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाकर एक नई मिसाल पेश की है।
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