लखनऊ सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें यूपी में होती हैं जबकि तमिलनाडु में ज्यादातर सड़क हादसे होते हैं। वहां यूपी की अपेक्षा मौत का आंकड़ा बेहद कम है। इसका मुख्य कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। यूपी में आज भी ज्यादातर लोग वाहन चलाते समय हेलमेट व सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं। यह जानकारी मंगलवार को केजीएमयू के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के एचओडी प्रो. संदीप तिवारी ने ट्रॉमा सर्जरी विभाग की ओर से आयोजित प्रेसवार्ता में दी। प्रो. संदीप ने बताया कि 28 अगस्त को इंडियन सोसायटी ऑफ ट्रॉमा ऐंड एक्यूट केयर की तीन दिवसीय 9वीं नैशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी। इसका उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस मौके पर सोसायटी के यूपी चैप्टर का शुभारंभ किया जाएगा। इसमें देश के करीब 300 ट्रॉमा सर्जन हिस्सा लेंगे। कॉन्फ्रेंस में दो दिनों तक ट्रॉमा पर विशेषज्ञ अपना व्याख्यान देंगे। वहीं, तीसरे दिन बाहर से आए डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ को मरीजों का बेहतर इलाज करने की ट्रेनिंग देंगे। दस लाख लोग हर साल हो रहे दिव्यांग डॉ. समीर मिश्रा ने बताया कि हादसों की वजह से हर वर्ष करीब पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है, जबकि दस लाख लोग दिव्यांग हो जाते हैं। वहीं, प्रो संदीप तिवारी ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में 80 प्रतिशत ऐसे मरीज आते हैं, जिन्हें प्राथमिक इलाज तक नहीं मिला होता है, जिससे इलाज के अभाव में उनकी मौत हो जाती है। डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में सीएम से यह अपील की जाएगी कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ (पीएमएस) के डॉक्टरों को भी हादसों में घायल लोगों को प्राथमिक इलाज देने की ट्रेनिंग दी जाए।
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