लखनऊ चारबाग से तक मेट्रो रूट के लिए एलएमआरसी और एलडीए ने कवायद तेज कर दी है। एलएमआरसी ने एलडीए से वसंतकुंज में डिपो के लिए 12 हेक्टेयर जमीन मांगी थी, जिस पर एलडीए ने छह गांवों का नाम भेज दिया गया है। अब एलएमआरसी तय करेगा कि वसंतकुंज के इन गांवों में से कितनी जमीन लेनी है। सूत्रों के मुताबिक वसंतकुंज के सेक्टर ए स्थित छंदोईया गांव में डिपो का मुख्य हिस्सा बनेगा। चारबाग से वसंतकुंज तक मेट्रो के ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर का संशोधित डीपीआर मिल चुका है। इसमें फंडिंग और डिपो के लिए जमीन के प्रस्ताव पर फैसला होना है। एलएमआरसी ने जमीन मांगी थी, जिसके बाद एलडीए ने संभावित डिपो के लिए छह गांव गजराहार, बेगरिया, बरावनखुर्द, बरीकला, छंदोईया और पीरनगर को चुना। 1981 में हुआ था अधिग्रहण एलडीए के जोन सात की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक इन गांवों का अधिग्रहण 1981 में किया गया था। इनका मुआवजा किसानों को देने के बाद सारी जमीनें एलडीए के नाम हो चुकी हैं। इनमें कोई विवाद नहीं है। ऐसे में अब एलएमआरसी को तय करना है कि कहां कितनी जमीन ली जाए। हालांकि जमीन के एवज में एलएमआरसी कितना और कैसे भुगतान करेगा, इसकी तस्वीर साफ नहीं है। अब 40 मिनट में मुंशीपुलिया से एयरपोर्ट एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक अब 45 मिनट के बजाय 40 मिनट में पहुंचा देगी। यात्रियों का पांच मिनट बचाने के लिए एलएमआरसी ने अब सभी ट्रेनें ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड पर चलाने का फैसला किया है। ऐसा होने से दरवाजे अपने आप खुलेंगे और बंद होंगे, जबकि अब तक यह काम ट्रेन ऑपरेटर को करना पड़ रहा था। इसके अलावा एलएमआरसी ने ट्रेनों की औसत स्पीड भी बढ़ा दी है। ऐसा करने से ट्रेनों की रोजाना 330 ट्रिप से बढ़कर 343 ट्रिप हो जाएगी।
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