लखनऊ सड़क हादसे में घायल उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता का इलाज लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है। रविवार को हुए हादसे के बाद से अभी तक वह वेंटिलेटर के सहारे ही सांस ले रही है। केजीएमसी के प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने गुरुवार को बताया कि पीड़िता की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि दुर्घटना में उसकी जैसी हालत हो गई, वैसी स्थिति में जल्दी सुधार नहीं आता है। पीड़िता की सीटी स्कैन रिपोर्ट लगभग सामान्य है। लेकिन उसे ज्यादा देर के लिए वेंटिलेटर से नहीं हटाया जा सकता। पढ़ें: गले में चीरा लगा कर नली डाली गई है सांस लेने के लिए पीड़िता की ट्रैक्यिोटोमी की गई है। इसमें गले में चीरा लगाकर सीधे सांस की नली से सांस दी जाती है। उसे वेंटिलेटर पर रखना जरूरी है ताकि उसके जरूरी अंगों को सहारा मिलता रहे। इसीलिए उसे थोड़ी-थोड़ी देर के लिए बार-बार वेंटिलेटर पर रखा जा रहा है। कम से कम छह जगह फ्रैक्चर है इस हादसे में रेप पीड़िता को कम से कम छह जगह फ्रैक्चर हुआ है। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता के शरीर के दाएं हिस्से में दुर्घटना का ज्यादा असर हुआ है। उसके दाएं जबड़े की हड्डी, दायीं कॉलर बोन, दायीं तरफ की पसलियों, दाईं कोहनी, पेल्विस क्षेत्र की सेक्रम हड्डी और दाहिनी जांघ की हड्डी या फीमर में फ्रैक्चर है। पढ़ें: हादसे वाले दिन 1.5 लीटर खून बहा था फिलहाल शरीर में कहीं से खून नहीं निकल रहा है लेकिन हादसे वाले दिन जांघ की हड्डी टूटने की वजह से लगभग 1.5 लीटर खून बह गया था। पीड़िता की पल्स और बीपी दोनों स्थिर हैं। वैसे डॉक्टर बता रहे हैं कि सीटी स्कैन में सिर में किसी चोट की कोई जानकारी नहीं मिली है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत सी गंभीर चोटें कई बार सीटी स्कैन में नहीं पकड़ में आतीं। पढ़ें: गौरतलब है कि दुष्कर्म पीड़िता रविवार को अपनी चाची, मौसी और अधिवक्ता के साथ कार से रायबरेली जिला कारागार में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी, तभी बारिश के दौरान रायबरेली में दोपहर करीब एक बजे सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी कार में जोरदार टक्कर मार दी थी। हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। चाची दुष्कर्म मामले में सीबीआई की गवाह थीं, जबकि गंभीर रूप से घायल पीड़िता और अधिवक्ता का लखनऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है।
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