लखनऊ कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया है। इस लॉकडाउन में जहां एक ओर उत्तर प्रदेश में कई लाख करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर लोगों को लाखों की संख्या में तय शादियां भी कैंसल करनी पड़ी हैं। और तो और, 5 मई को तो एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल होने वाले थे लेकिन अब यह कार्यक्रम भी कैंसल हो गया है। इस सामूहिक विवाह समारोह में 501 जोड़ों का विवाह होना था। अक्षय तृतीया पर इस बार न शहनाई गूंजी और ना ही रौशनी की चकाचौंध दिखी। लॉकडाउन की वजह से लखनऊ में करीब 550 शादियां कैंसल कर दी गईं हैं। इस महामारी का असर कारोबार पर भी पड़ा है। कारोबारियों के अनुमान के मुताबिक, एक दिन में 150 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। इसमें होटल, कैटर्स, वेडिंग प्लानर, सराफा, कपड़ा और कई उद्योग शामिल हैं। बता दें कि सहालग शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा शादियां अक्षय तृतीया के दिन ही होती हैं। व्यापारी परेशान सोयना रेजीडेंसी होटल के मालिक और लखनऊ होटल असोसिएशन के पदाधिकारी राकेश छाबड़ा पम्मी बताते हैं कि उनके यहां की सभी बुकिंग कैंसल हो चुकी है। हर साल केवल जगह की बुकिंग के लिए 50 हजार से 10 लाख रुपये तक लोग खर्च करते हैं। इसके अलावा खाना, सजावट और बाकी खर्च अलग है। कल्याण मंडप भी सूने निजी के अलावा नगर-निगम और एलडीए के बुकिंग वाले कल्याण मंडप की बुकिंग भी कैंसल हो चुकी हैं। नगर-निगम मुख्य कर अधिकारी अशोक सिंह बताते हैं कि शासन के आदेश के बाद सभी बुकिंग कैंसल कर दी गई है। अब लॉकडाउन के बाद उनका पैसा भी वापस किया जाएगा। कोई शादी की डेट आगे रखना चाहता है तो उसे वह तारीख भी दी जा सकती है। इन पर भी पड़ा असर सीतापुर रोड निवासी ओंकार राय के बेटे की शादी थी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन से दोनों तरफ से 5-5 लोगों के शामिल होने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन नहीं मिली। दोनों परिवार की आपसी सहमति के बाद अब नवंबर में शादी होगी। रामचन्द्र बग्घी वाले ने बताया कि तेज सहालग को देखते हुए उन्होंने मुरादाबाद से बग्घियों तक का ऑर्डर दिया था। यही नहीं बैंड भी शाहजहांपुर, बरेली से बुलवाने की व्यवस्था तक कर ली थी। 21 साल बाद टूटी सामूहिक विवाह की प्रथा शास्त्रीनगर दुर्गा मंदिर की ओर से बीते 21 वर्षों से अक्षय तृतीया पर 25 युवतियों का सामूहिक विवाह करवाया जा रहा है। संयोजक के राजेन्द्र गोयल ने बताया कि अब नवंबर में सामूहिक विवाह करवाने का प्रस्ताव रखा गया है। 25 नवंबर के बाद ही गूंजेगी शहनाई पंडित सियाराम तिवारी ने बताया कि अप्रैल माह में 25, 26, 27 और मई महीने में 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 17, 18, 19, 23 24 शुभ मुहूर्त है। इसके बाद शुक्रास्त हो जाएगा और विवाह के मुहूर्त फिर थम जाएंगे। जून महीने में 13, 14, 15, 19, 20, 25, 27, 28, 29, 30 तक ही विवाह मुहूर्त हैं। एक जुलाई को हरिशयनी एकादशी है। ऐसे में देवोत्थानी एकादशी पर चतुर्मास की समाप्ति पर ही विवाह 25 नवंबर से संभव हो सकेंगे। (एनबीटी रिपोर्टर के इनपुट के साथ)
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