Friday, March 27, 2020

लॉकडाउन में रामायण, 'राम' ने भेजा है खास मेसेज

लखनऊ रवींद्र जैन की जीवंत आवाज में रामायण की चौपाइयां आज भी कई तस्वीरों को नजरों के सामने उतार देती हैं। इन तस्वीरों में राम का किरदार ने निभाया है और लक्ष्मण की भूमिका सुनील लहरी ने अदा की है। रावण का अंत समय का वह गीत याद है आपको...'यही रात अंतिम, यही रात भारी।' रामायण के दिलचस्प गीत फिर से आपके घरों में गुनगुनाए जाएंगे। फिर आप देखेंगे कि बुराई पर सच्चाई की जीत कैसे होती है। दरअसल, देश हो या दुनिया इन दिनों कोरोना की वजह से विपरीत परिस्थितियों में खड़ा है। लगातार कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है। देश 21 दिनों के लिए लॉकडाउन किया गया है। लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है। अब ऐसे में रामायण के साथ वक्त गुजारना, इससे बेहतर क्या हो सकता है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को लोगों की भारी मांग को देखते हुए रामानंद सागर की रामायण का दूरदर्शन पर प्रसारण किए जाने की घोषणा की थी। रामायण का प्रसारण शनिवार से शुरू हो गया है। इसका प्रसारण सुबह 9 बजे और रात में 9 बजे किया जाएगा। 80-90 के दशक में यह रामायण लोगों के बीच लोकप्रिय थी। कई लोगों ने इस रामायण के किरदारों को ही भगवान मानना शुरू कर दिया था। बहरहाल, लोकप्रियता के सभी पैमाने तय कर चुकी रामायण में राम की भूमिका अरुण गोविल ने निभाई थी। लॉकडाउन की स्थितियों को लेकर उनका क्या मानना है, एनबीटी ऑनलाइन ने यह जानने की कोशिश की। रामायण की वापसी से खुश हैं 'राम' ज्यादातर पुराने लोग इस रामायण से रूबरू हैं, नए लोगों के बीच जाने का अवसर, कैसा लग रहा है। इस पर ऐक्टर अरुण गोविल कहते हैं, 'अच्छा लग रहा है कि रामायण लोगों के बीच आ रही है। अब नए लोगों को भी यह देखने को मिलेगी। पहले भी समय-समय पर इसके कुछ अंश आते रहे हैं। पूरी तरह से देखना अलग बात होगी। अब लोगों के पास वक्त भी है, घर पर हैं लोग तो रामायण की शुरुआत बहुत अच्छी बात है।' 'बाहर जाने की इजाजत ही तो नहीं' लॉकडाउन को रामायण सीरियल के राम यानी अरुण गोविल कैसे देखते हैं, इस पर वह कहते हैं, 'मुझे टाइम बिताने में कोई प्रॉब्लम नहीं। मैं इसे लॉकडाउन मानता ही नहीं हूं। मैं तो मानता हूं कि सरकार के इस फैसले से लोगों को अपने परिवारवालों के साथ वक्त बिताने का मौका मिला है तो अपने परिवार के साथ रहिए। जो बेहतर चीजें आप घर पर कर सकते हैं जैसे कि पढ़ते हैं, लिखते हैं, म्यूजिक सुनते हैं या म्यूजिक बनाते हैं मतलब जो भी आप करते हैं...आप आराम से कीजिए। लॉकडाउन में आप घर में सबकुछ तो कर सकते हैं। बस आपको बाहर जाने को नहीं मिल रहा है।' 'मैं तो इसे लॉकडाउन नहीं मानता' अरुण गोविल कहते हैं, 'एक बात देखिए कि किसी चीज को लेकर आपका नजरिया क्या है। जैसे कि आपको लग रहा है कि आपको क्वारंटाइन किया गया है, आपको 21 दिनों के लिए जेल में डाल दिया गया है तो आपकी मनोस्थिति अलग हो जाएगी। अगर मैं यह मानता हूं कि परिवार से बात करूंगा, जो कि आम तौर पर नहीं हो पाती...हम इस तरह का नजरिया रखते हैं तो सकारात्मक चीजें होती हैं। जैसे कि हम घर पर रहकर सफाई करेंगे, चीजों का ख्याल रखेंगे तो इसमें नकारात्मकता तो नहीं है। जो लोग घर से काम कर रहे हैं तो ज्यादा ध्यान केंद्रित कर पाते हैं क्योंकि ऑफिस में तो बॉस की डांट भी पड़ती रहती है। घर पर तो नहीं पड़ती।'


from Metro City news in Hindi, Metro City Headlines, मेट्रो सिटी न्यूज https://ift.tt/33SLlxc

No comments:

Post a Comment