मुंबई मिरर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी मोहम्मद इकबाल मेमन उर्फ इकबाल मिर्ची की 2013 में लंदन में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। मौत के छह साल बीतने के बावजूद मिर्ची लगातार चर्चा में है। मिर्ची से जुड़े मनी लॉन्डरिंग के मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई की पीएमएलए कोर्ट में एक चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में ईडी ने कहा है कि मिर्ची और उसके दोनों बेटों (जुनैद और आसिफ) ने डीएचएफएल के धीरज वधावन को बेची तीन संपत्तियों के लिए वास्तविक कीमत से ज्यादा पैसों की डिमांड की थी। राबिया मैंशन, सी व्यू और मरियम लॉज को वधावन को 225 करोड़ रुपयों में बेचा गया था। वधावन इन संपत्तियों को डिवेलप करना चाहते थे। 80 के दशक में ड्रग्स माफिया, हत्यारोपी और गैंगस्टर मिर्ची का रहन-सहन किसी सिलेब्रिटी से कम नहीं था। पहली बार इंटरपोल ने किया गिरफ्तार मई 1986 में पहली बार इकबाल मिर्ची ठाणे के एक फार्म हाउस से 9 करोड़ रुपये कीमत की 600 किलो हेरोइन के साथ रेवेन्यू इंटेलिजेंस के हत्थे चढ़ा था। हालांकि मिर्ची इस मामले से बच गया था। पहली बार लंदन में अप्रैल 1995 में इंटरपोल ने उसे गिरफ्तार किया था। ब्रिटेन में ठोस सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया गया। साल 2001 में उसे वहां रेजिडेंसी परमिट भी मिल गया। लंदन में आलीशान जिंदगी मिर्ची ने लंदन के उत्तर-पूर्व में स्थित हॉर्नचर्च इलाके में छह बेडरूम का शानदार घर लिया। इस इलाके में बड़े-बड़े घर ही नजर आते हैं। मिर्ची के घर में इलेक्ट्रॉनिक गेट लगे हुए थे। उसके पास लग्जरी कारों की एक पूरी सीरीज मौजूद थी। वहां उसने अपनी इमेज एक सफल कारोबारी के तौर पर बना रखी थी, जिसके पास राइस मिल थी। उसे झटका तब लगा जब यूएन की एक रिपोर्ट में उसे दाऊद गैंग के वरिष्ठ सदस्य के तौर पर दिखाया गया। इसमें ड्रग्स कारोबार में शामिल होने की ओर इशारा किया गया था। सरेंडर के लिए सुरक्षा की मांग 1996 में मिर्ची ने अग्रिम जमानत की याचिका लगाई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके अलावा मिर्ची ने कोर्ट से मांग की कि जान के खतरे का अंदेशा देखते हुए उसे एयरपोर्ट से कोर्ट तक सुरक्षा दिलाई जाए, इसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया। माना जाता है कि 1990 के दशक में मिर्ची के पास मुंबई में 25 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियां थीं। इनमें से ज्यादातर को पुलिस ने जब्त करा लिया था। 1998 में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर मिर्ची के परिवार के नाम पर रजिस्टर्ड कई प्रॉपर्टी छुड़ा ली गई थीं। 1997 में मिर्ची ने सरेंडर के लिए एक बार और पहल की। इस बार भी उसने सुरक्षा मांगी, जो खारिज हो गई। मुगल-ए-आजम से कनेक्शन मुगल-ए-आजम के निर्माता-निर्देशक के आसिफ की बेटी और मिर्ची की दूसरी बीवी हिना कौसर अब भी हॉर्नचर्च के शानदार घर में रहती हैं। मिरर से बातचीत में हिना ने बताया कि इकबाल एक जिम्मेदार शौहर था, जो परिवार को काफी महत्व देता था। वह अकसर भारत की यादों के बारे में बातें करता था। इसके अलावा वह अपने शहर मुंबई से भी प्यार करता था। यूं चर्चाओं में रहा मिर्ची 1995 में प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के दौरान लंदन की एक अदालत में मिर्ची के वकील ने उसे भारत के एक सम्मानित कारोबारी के तौर पर बताया था। वकील ने कहा था कि उसका परिवार जमानत के लिए जरूरी तीन लाख पाउंड की रकम भी जमा करा सकता है। वकील ने कहा था कि मिर्ची ने कारोबार के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और दुबई की यात्राएं कर रखी हैं। उस दौरान कमजोर पैरवी के चलते सीबीआई को न केवल उसके प्रत्यर्पण से हाथ धोना पड़ा, बल्कि कोर्ट के आदेश पर जांच एजेंसी को 95000 पाउंड हर्जाना भी भरना पड़ा।
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