लखनऊ देश को लम्ब्रेटा, विजय डीलक्स और विजय सुपर जैसे स्कूटर देने वाले () को केंद्र सरकार ने बंद करने का ऐलान कर दिया है। बताया जा रहा है कि स्कूटर इंडिया की आर्थिक स्थिति काफी समय से खराब चल रही है। लखनऊ के सरोजनी नगर स्थित स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड बंद करने का सरकारी आदेश भी पहुंच गया है। इसके लिए 20 दिन का वक्त दिया गया है। स्कूटर इंडिया को बंद करने के आदेश जारी होने के बाद इसके कर्मचारियों का भविष्य संकट में आ गया है। कर्मचारियों ने स्कूटर इंडिया लिमिटेड के गेट पर ही धरना देना शुरू कर दिया। भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर आर निवासुलु के नाम भेजे गए पत्र में कंपनी बंद करने और 20 दिन के भीतर असेट और लाइबिलिटी की जानकारी भेजने को कहा गया है। इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट बंदी पर अंतिम मुहर लगाएगी। लेटर 28 जनवरी 2020 को जारी किया गया है। कर्मचारियों ने किया विरोध-प्रदर्शन स्कूटर इंडिया के कर्मचारियों को गुरुवार को बंदी का आदेश आने की जानकारी हुई तो उन्होंने गेट पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड ऑफिसर्स वेलफेयर असोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि कंपनी कई साल से बिना किसी सरकारी मदद के उत्पादन कर रही है और लाभ भी कमा रही है। 747 कर्मचारियों का भविष्य अधर में राठौर ने आगे कहा, 'सितंबर में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कंपनी में इलेक्ट्रिक वाहन का अनावरण भी किया था। उस वक्त मंत्रीजी ने कहा था कि सरकार इस कंपनी को अवश्य चलाएगी।' बता दें कि इस वक्त स्कूटर इंडिया में कुल 747 कर्मचारी हैं। आखिरी बार 1980 में लॉन्च की थी स्कूटर स्कूटर इंडिया की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से यह फैसला लिया गया है। बताते हैं कि इसके स्कूटर बाजार की जरूरत के हिसाब को खुद को ढाल नहीं पाए। आखिरी बार 1980 में स्कूटर इंडिया ने बाजार में लम्ब्रेटा लॉन्च किया था। इसके बाद विक्रम नाम से प्रॉडक्शन शुरू किया लेकिन कुछ समय बाद वह बंद हो गया।
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