नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि किसान संगठनों ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध से मुक्त किए जाने की मांग की थी। भारत सरकार ने यह मांग को भी मान लिया है। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है।
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