Friday, July 26, 2019

चुनाव से पहले कांग्रेस-NCP कैंप में खलबली

मुंबईमहाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य की राजनीति में आयाराम-गयाराम की राजनीतिक शुरू हो गई है। और सहित अन्य विपक्षी पार्टियों का कब कौन सा नेता पार्टी छोड़ कहा नहीं जा सकता। सचिन अहिर के शिवसेना में गुपचुप तरह से शामिल होने पर कांग्रेस और एनसीपी के नेता एक दूसरे को शक की नजर से देख रहे हैं। कांग्रेस नेता व राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन पाटील ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर माहौल और गरमा दिया है। बीजेपी के महाजनादेश यात्रा से पहले वडाला से कांग्रेस के विधायक कालिदास कोलंबकर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, 30 जुलाई को बीजेपी ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। बताया जा रहा है कि उस कार्यक्रम में एनसीपी महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष चित्रा वाघ, सतारा से एनसीपी के विधायक शिवेंद्र राजे भोसले, विदर्भ से कांग्रेस के विधायक सुनील केदार, एनसीपी के नेता वैभव पिचड़ सहित कई और नेता बीजेपी में शामिल हो सकते है। कई दिग्गज बीजेपी में शामिल, कुछ कतार मेंइससे पीछे तर्क दिया जा रहा है कि हाल ही में इनमें से कुछ नेताओं ने बीजेपी के नए अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। इनमें वैभव पिचड के पिता मधुकर पिचड एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के काफी करीबी हैं। मधुकर पिचड एनसीपी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वैभव के बीजेपी में शामिल होने की संभावना के कारण अकोला के ज्यादातर एनसीपी पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले राधाकृष्ण विखे पाटील उनके पुत्र सुजय विखे पाटील, रंजीतसिंह मोहिते पाटील, रंजीत सिंह नाईक निंबालकर आदि नेता पहले ही बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। उस्मानाबाद के एनसीपी विधायक राणा जगजीत सिंह पाटील व कांग्रेस के उत्तरभारतीय नेता पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा है। कांग्रेस और एनसीपी खेमे में निराशालोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना को जिस तरह से जनाधार मिला उससे कांग्रेस और एनसीपी खेमे में घोर निराशा छाई है। कांग्रेस और एनसीपी नेतृत्व को लेकर भी पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी असहज महसूस कर रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि कांग्रेस और एनसीपी के दर्जन भर से ज्यादा विधायक पार्टी बदल सकते हैं। कांग्रेस के कालीदास कोलंबकर, असलम शेख, सुनील केदार, जयकुमार गोरे, गोपालदास अग्रवाल और ज्योति कॉलोनी के अलावा एनसीपी से सुनील तटकरे के भतीजे अवधूत तटकरे, एनसीपी विधायक भास्कर जाधव के अलावा भी कई और नाम सामने आ रहे हैं जो शिवसेना या फिर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। महाजनादेश यात्रा शुरू से पहले बीजेपी दिखाएगी ताकतबीजेपी 1 अगस्त से महाजनादेश यात्रा निकालने जा रही है। उससे पहले पार्टी विपक्ष के विधायकों और पदाधिकारियों को पार्टी में शामिल कर अपनी राजनीतिक ताकत से विपक्ष का बचा खुचा उत्साह भी खत्म कर देना चाहती है। बीजेपी दिखाना चाहती है कि उससे लड़ने के लिए विपक्ष है ही नहीं। आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस ने राज्य की 288 सीटों में से मिशन 220 जीत का लक्ष्य रखा है। लोकसभा चुनाव में बुरी पराजय के बाद पस्त विपक्ष के मजबूत नेताओं को अपने पाले में कर सत्ताधारी दल विपक्ष को पूरी तरह से कमजोर बनाना चाहता है।


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