पत्नी ने कहा कि वह बेटियों के कारण समझौता कर रही है। सीहोर में पढ़ाई का अच्छा माहौल नहीं मिल पाता इसलिए भोपाल के एक बड़े निजी स्कूल में एडमिशन कराया है जिसका खर्च मायके वाले उठा रहे हैं। पति को मेरी नहीं तो बेटियों की जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
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