Wednesday, July 1, 2020

निजी ऐंबुलेंस को अपने कंट्रोल में लेगी उद्धव सरकार

मुंबई सांसद, विधायक फंड से खरीदे गए ऐम्बुलेंस और निजी व गैर सरकारी संस्थाओं के ऐम्बुलेंस वालों की मनमानी बढ़ गई है। तंग आकर सरकार ने इन सभी ऐम्बुलेंस को अपने नियंत्रण में लेने का निर्णय लिया है। इसके अलावा भी उन निजी वाहनों को भी लेगी, जिसे ऐम्बुलेंस में तब्दील किया जा सकेगा। सरकार जिनके ऐम्बुलेंस और वाहन लेगी, उसका उन्हें निर्धारित किराया भी देगी। इन ऐम्बुलेंस की सेवा लेने वालों को सरकारी दर पर भुगतान करना होगा। शासनादेश के अनुसार, सांसद, विधायक फंड से खरीदे गए ऐम्बुलेंस के अलावा प्राइवेट ऐम्बुलेंस और गाड़ियों को महानगरपालिका आयुक्त व जिला कलेक्टर अपने कब्जे में लेंगे। इसके एवज में सरकार उन्हें क्षेत्रीय परिवहन की ओर से तय दर के अनुसार किराया देगी। किराया सुनिश्चित करते समय वाहनों का किराया और वास्तविक यात्रा दूरी ( किलोमीटर ) पर विचार करेगी। इसके अलग मापदंड भी तय किए गए हैं। पहला निजी या संस्था के वाहन या ऐम्बुलेंस को ड्राइवर व ईंधन खर्च के साथ लेगी या फिर सिर्फ उनका वाहन देगी। उसी आधार पर संबंधित जिले के कलेक्टर और आयुक्त मासिक किराया तय करेंगे। इसे अधिग्रहण करने का मतलब है कि कोरोना काल के इस दौर में लोगों को आसानी से ऐम्बुलेंस की सेवा मिल सके। सरकार किसी सरकारी व लोकल बॉडी के अस्पतालों का ऐम्बुलेंस नहीं लेगी। आसानी से मिल सकेगा ऐम्बुलेंस कोरोना के इस दौर में ऐम्बुलेंस मिलना बेहद कठिन हो गया है। इस पर प्रावइेट या संस्था के ऐम्बुलेंस चालक आम आदमी से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। इसकी शिकायत बारंबार आ रही है। इन शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार ने प्राइवेट ऐम्बुलेंस वालों का ऐम्बुलेंस अपने कब्जे में लेने का निर्णय लिया। इसके अलावा निजी उन वाहनों को भी अपने कब्जें में लेगी, जिसे ऐम्बुलेंस बनाया जा सकता है। असल में सरकार ने ऐम्बुलेंस की सेवा देने के लिए 108 नंबर जारी किया है, लेकिन अब वहां पर भी ऐम्बुलेंस की कमी हो गई है। सरकार के अनुसार 108 नंबर पर सेवा देने के लिए 976 ऐम्बुलेंस ही हैं, जो अब नाकाफी हैं। इस नंबर पर कॉल करने के बाद भी लोगों को ऐम्बुलेंस की सेवा नहीं मिल रही है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने निजी व संस्था के ऐम्बुलेंस व वाहन अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है। एमपी और एमएलए फंड से भी बड़ी संख्या में ऐम्बुलेंस खरीदे गए हैं। उसे भी सरकार टेक ओवर करेंगी। अब जिला नियंत्रण कक्ष लोगों की ऐम्बुलेंस की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने प्रत्येक जिले में एक विशेष नियंत्रण कक्ष बनाने का आदेश जिला अधिकारी को दिया है। वहां पर विशेष मोबाइल नंबर जारी किया जाएगा, जिस नंबर से लोग ऐम्बुलेंस की मांग कर सकते हैं। वैसे तो ऐम्बुलेंस सेवा के लिए सरकार ने 108 नंबर जारी किया है, लेकिन अब वहां पर ऐम्बुलेंस कम पड़ने लगे हैं। नियंत्रण कक्ष को स्मार्ट फोन, इंटरनेट सेवा, टोल फ्री 108 नंबर से जोड़ा जाएगा, ताकि उसका फायदा ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद लोग उठा सकें। मिलेगी सरकारी दर पर सेवा प्राइवेट व संस्थाओं के ऐम्बुलेंस व वाहन लेकर सरकार आम आदमी को सरकारी दर पर ऐम्बुलेंस सेवा देगी। यह ऐम्बुलेंस 24 घंटे की सेवा आम आदमी को देने के लिए उपलब्ध रहेगी।


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