लखनऊ ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया कि वह उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करें जो मोटरसाइकलों को क्षतिग्रस्त करने जैसे मामलों में शामिल थे। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि बीते साल दिसंबर में हुए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पकड़े गए एएमयू के छात्रों के साथ गैरजरूरी लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। एनएचआरसी की सिफारिशों पर आदेश पारित करते हुए चीफ जस्टिस और जस्टिस समित गोपाल ने स्टेट पुलिस चीफ को मानवाधिकार निकाय की रिपोर्ट का पालन करने का निर्देश दिया। एनएचआरसी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि सरकार उस दौरान गंभीर रूप से घायल हुए एएमयू के छह छात्रों को मानवीय आधार पर उचित मुआवजा दे। हाई कोर्ट ने एनएचआरसी की सिफारिशों के तहत ही सीआरपीएफ के महानिदेशक को भी आदेश दिया है कि दंगों के समय कानून व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के लिए पेशेवर तरीके अपनाए जाएं, ताकि आम नागरिकों के मानवाधिकारों का हनन न हो। कोर्ट ने सूबे के डीजीपी को 6 जनवरी 2020 को गठित एसआईटी को तय समय में सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से जुड़े मामलों की जांच पूरी करने का भी आदेश दिया है।
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